महिलाअों में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमताः पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या पर लगाम लगानी है और महिला सरपंच इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकती हैं।
गांधीनगर [शत्रुघ्न शर्मा]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला सरपंचों से गांव की सरकारों को मजबूत और परिणाम देने वाली बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि अब देश में सरपंच पति वाली बातें पुरानी हो गई हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महिला सरपंच भारत के गांवों का कायापलट कर सकती हैं। पुरुषों के बजाय वे अधिक समर्पण भाव से काम करती हैं।
शिक्षा, सफाई, भ्रूण हत्या निषेध, टीकाकरण और जनहित योजनाओं को लागू कर महिला सरपंच गांवों को ऐसे स्थल बना सकती हैं जिसकी आत्मा गांव की हो लेकिन सुविधा शहर की हो। मोदी ने कहा कुछ लोग मानते थे कि अंग्रेजी बोलने वाले और शहर के लोग ही अच्छा काम कर सकते हैं लेकिन गांवों से आई इन महिलाओं की सफल गाथाओं ने लोगों के इस भ्रम को तोड़ा है। प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर स्वच्छ शक्ति-2017 समारोह में देशभर से आईं 6,000 महिला सरपंच और जमीनी स्तर पर काम कर रहीं महिलाओं के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि गांव में महिला का सरपंच बनना बहुत बड़ी बात होती है। उन्हें कई कठिनाई और चुनौती का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले सरकारी बैठकों में लोग आते और खुद को एसपी बताते थे। तब आश्चर्य होता था कि सरकारी अफसर यहां कैसे आए हैं। पर बाद में पता चला एसपी का मतलब सरपंच पति है। उन्होंने कहा कि अब जमाना बदल गया है। गांवों का जन्मदिन मनाओप्रधानमंत्री ने गांव के जनप्रतिनिधियों से गांव का जन्मदिन मनाने को कहा। गांव बनने की तिथि पता नहीं हो तो ड्रॉ करके भी कोई तारीख तय करके दो-तीन दिन उत्सव मनाएं।
गांवों को सीधे दो लाख करोड़मोदी ने कहा कि गांवों के विकास के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है। केंद्र सरकार सालाना दो लाख करोड़ रुपये सीधे गांवों को भेजती है। गांवों में कचरा प्रबंधन और सफाई के लिए विविध तरीकों से उसका खाद बनाकर भी पैसा जुटाया जा सकता है।प्रधानमंत्री ने गांवों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिला सरपंच और स्वयंसेवी संस्थाओं की महिलाओं को सम्मानित किया। समारोह में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, पुरुषोत्तम रुपाला आदि भी शामिल थे।
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