Move to Jagran APP

पीएम नरेन्द्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में जीएसटी पर विपक्ष को सराहा

पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में जीएसटी संशोधन विधेयक संसद से पारित होने का श्रेय सभी दलों को दिया है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sun, 28 Aug 2016 07:01 PM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2016 07:13 PM (IST)
पीएम नरेन्द्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में जीएसटी पर विपक्ष को सराहा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर के लिए जरूरी संविधान (122वां) संशोधन विधेयक संसद से पारित होने का श्रेय सभी दलों को दिया है। प्रधानमंत्री का कहना है कि घोर राजनैतिक विरोध रखने वाले दलों ने भी जीएसटी का समर्थन किया है जो इस बात का उदाहरण है कि सब दल मिल कर एक दिशा में चलें, तो कितना बड़ा काम होता है।

loksabha election banner

प्रधानमंत्री ने यह बात रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में कही। इस बीच सरकार जीएसटी एक अप्रैल 2017 से लागू करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र को निर्धारित एक पखवाड़े पहले बुला सकती है। शीतकालीन सत्र आम तौर पर नवंबर के तीसरे या चौथे सप्ताह में बुलाया जाता है लेकिन इस साल सरकार त्यौहारों के तत्काल बाद 9 या 10 नवंबर से शीतकालीन सत्र बुला सकती है। हालांकि इसके लिए सभी दलों की सहमति आवश्यक होगी।

ऐसे में पीएम का 'मन की बात' कार्यक्रम में जीएसटी के लिए सभी दलों को श्रेय देना बेहद महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगस्त 2016 में घोर राजनैतिक विरोध रखने वाले दल, एक दूसरे के खिलाफ एक भी मौका न छोड़ने वाले दलों ने मिल कर के जीएसटी कानून पारित किया है। इसका श्रेय सभी दलों को जाता है। सब दल मिल करके एक दिशा में चलें, तो कितना बड़ा काम होता है, उसका ये उदाहरण है।

पढ़ें- अमेरिका ने भारत से कहा, GST द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को देगा नया आयाम

सूत्रों का कहना है कि सत्र जल्द बुलाने से सरकार के लिए केंद्रीय जीएसटी और इंटीग्रेटेड जीएसटी विधेयकों को नवंबर के अंत या दिसंबर के पहले सप्ताह तक ही पारित कराना संभव होगा। साथ ही बजट जनवरी में पेश करने की चर्चा चल रही है। ऐसे में शीतकालीन सत्र थोड़ा जल्दी बुलाने पर बजट सत्र भी जल्दी बुलाने का रास्ता साफ हो जाएगा। वैसे बजट सत्र आम तौर पर फरवरी के अंतिम सप्ताह में बुलाया जाता है।

जीएसटी लागू होने पर पर केंद्र सरकार के केंद्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, सेवा कर, अतिरिक्त सीमा शुल्क, विशेष अतिरिक्त सीमा शुल्क और राज्यों के वैट, मनोरंजन कर, केंद्रीय बिक्री कर, चुंगी और प्रवेश कर, क्रय कर, विलासिता कर और लॉटरी तथा सट्टेबाजी पर कर जैसे कई प्रकार के परोक्ष टैक्स समाप्त हो जाएंगे।

जीएसटी के लिए जरूरी संविधान 122वां संशोधन विधेयक संसद ने हाल में पारित कर दिया है। अब इसे राज्यों के विधानमंडलों के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। 50 प्रतिशत राज्य विधानमंडलों की मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति इसे मंजूरी देकर अधिसूचना जारी कर देंगे जिसके बाद जीएसटी परिषद गठित होने का रास्ता तैयार हो जाएगा। अब तक आठ राज्यों- असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और मध्य प्रदेश की विधान सभाएं जीएसटी संविधान संशोधन को मंजूरी दे चुकी हैं। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र और हरियाणा विधान सभा जल्द ही इसे मंजूरी दे सकती हैं।

पढ़ें- केंद्र के लिए नई मुसीबत, जीएसटी पर प. बंगाल ने बढ़ाई दुविधा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.