कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक ने जन-धन योजना की खोली पोल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक तो कर दी लेकिन इससे उनकी महत्वाकांक्षी योजना जन-धन योजना की पोल भी खुल गई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 के नोट पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बैंकों और उनके ग्राहकों के लिए गुरुवार का दिन बेहद ही मुश्किल भरा रहा।
इस मामले में सबसे बड़ी बात ये देखने को मिली कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने जन-धन योजना लॉन्च की थी जिसके बाद सरकार ने दावा किया था कि इस योजना के तहत करोड़ों लोगों ने खाते खुलवाए और 99 फीसद लोग इस स्कीम के तहत कवर हैं।
लेकिन जिन लोगों को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है उससे साफ है कि देश में बहुत से लोग इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
इससे पहले भी एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जो वादे इस योजना के तहत खाते खुलवाने वालों से किए गए थे, बात जब उन्हें पूरा करने की आई तो खाताधारकों को नियम-कायदे बताकर वापस लौटा दिया गया।
यही नहीं इस योजना के तहत खाताधारकों को मिलने वाले दुर्घटना बीमा के 40 फीसद आवेदन खारिज कर दिए गए। और तो और ओवरड्राफ्ट की जो सुविधा इस योजना में देने का वादा किया गया था वो भी सिर्फ 3 फीसद लोगों के लिए मंजूर किया गया है।
योजना के तहत खुले 27 फीसद खातों में एक रुपया भी जमा नहीं हुआ और बैंकों के लिए सिरदर्दी साबित हुई।
बंद हो चुके नोट्स को बदलने का ये पहला दिन था। बैंकों में भारी भीड़ और लोगों में पैसे के लेन देन की जल्दबाजी दोनों ही परेशानी का सबब बनीं। ज्यादातर लोगों को खाली हाथ ही लौटना पड़ा उसके पीछे कारण ये रहा कि उनके पास जरूरी दस्तावेज या बैंक खाता ही नहीं था।