काजीरंगा में तेज गति से वाहन चलाने पर भरना होगा जुर्माना
काजीरंगा में सेंसर स्वचालित यातायात अवरोधक लगे हैं, ताकि तेज गति वाहनों को पकड़ा जा सके।
नई दिल्ली, प्रेट्र। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बुधवार को कहा कि यदि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में कोई वाहन गति सीमा का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसे पर्यावरण मुआवजे के तौर पर पांच हजार रुपये देने होंगे। यह मुआवजा मोटर वाहन कानून के तहत हुए जुर्माने के अतिरिक्त होगा।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ को काजीरंगा नेशनल पार्क की ओर से बताया गया था कि काजीरंगा में सेंसर स्वचालित यातायात अवरोधक लगे हैं, ताकि तेज गति वाहनों को पकड़ा जा सके। हालांकि, इससे दुर्घटनाओं में पशुओं की मौत पर रोक नहीं लग पा रही है। इस वर्ष जनवरी से अब तक चार वन्य जीव मारे जा चुके हैं।
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इसपर पीठ ने सवाल उठाए कि अवरोधक लगाने के बावजूद ये जानवर कैसे और क्यों मारे गए? पशुओं की जान पर खतरा है, तो उद्यान प्रबंधन को प्रभावी कदम उठाने चाहिए। एनजीटी ने काजीरंगा नेशनल पार्क से कहा कि तेज वाहन चलाने वाले लोगों के खिलाफ मोटर वाहन कानून के तहत कार्रवाई करने के साथ-साथ उनसे मुआवजे के रूप में पांच हजार रुपये लें। एनजीटी पर्यावरणविद रोहित चौधरी की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने एनएच-37 के विस्तार का विरोध किया है। यह विस्तार काजीरंगा उद्यान से हो कर गुजरता है।
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ग्रीन पैनल ने असम सरकार को भी यह आदेश दिया है कि वह सेंसर चालित बैरियर और स्पीड चेकर कैमरों की जांच करा सुनिश्चित कराए कि वे ठीक से काम कर रहे हैं।