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जांच से पहले ही एनआइए की किरकिरी

पटना धमाकों की औपचारिक जांच शुरू करने से पहले ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) विवादों में घिर गई है। एजेंसी की गिरफ्त से धमाकों के आरोपी महर आलम के मुजफ्फरपुर से निकल भागने का आरोप है। हालांकि, एनआइए इसे बेबुनियाद बताते हुए महर को बोधगया धमाकों का गवाह बता रही है। वैसे मुजफ्फरपुर से भागे महर को कानपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। एनआइए ने इस पर चुप्पी साध ली है।

By Edited By: Published: Thu, 31 Oct 2013 04:28 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2013 03:37 AM (IST)
जांच से पहले ही एनआइए की किरकिरी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पटना धमाकों की औपचारिक जांच शुरू करने से पहले ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) विवादों में घिर गई है। एजेंसी की गिरफ्त से धमाकों के आरोपी महर आलम के मुजफ्फरपुर से निकल भागने का आरोप है। हालांकि, एनआइए इसे बेबुनियाद बताते हुए महर को बोधगया धमाकों का गवाह बता रही है। वैसे मुजफ्फरपुर से भागे महर को कानपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। एनआइए ने इस पर चुप्पी साध ली है। इस बीच, दिल्ली से उसे धमाकों के एक अन्य आरोपी मोहम्मद अफजल को गिरफ्तार करने में सफलता मिल गई है।

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मुजफ्फरपुर पुलिस के अनुसार एनआइए आरोपी महर से स्थानीय लॉज में पूछताछ कर रही थी, लेकिन वह अपना मोबाइल व अन्य सामान छोड़कर भाग निकला। आरोपी के फरार होने की खबर फैलते ही एनआइए इसके खंडन में जुट गई। देर शाम एनआइए ने दावा किया कि महर बोधगया धमाकों का गवाह है और उसे पटना धमाकों के पहले ही 23 अक्टूबर को नोटिस भेजकर गया बुलाया गया था। उसे 29 अक्टूबर को बोधगया पहुंचना था, लेकिन पटना में एनआइए टीम की मौजूदगी देखकर वह वहीं मिलने चला आया। इसके बाद एनआइए उसे लेकर मुजफ्फरपुर के मीरपुर गांव में संदिग्ध आतंकी हैदर अली की तलाश में पहुंची। हैदर के नहीं मिलने पर महर टीम के साथ ही रुका था, लेकिन सुबह अचानक किसी बहाने से लॉज छोड़कर चला गया। महर के गायब होने की खबर आने के चार घंटे में ही उसे कानपुर में गिरफ्तार किए जाने का दावा किया गया। बताया जाता है कि बिहार एसटीएफ, उप्र एटीएस और एनआइए की संयुक्त टीम ने उसे कानपुर के पास पनकी में राजधानी एक्सप्रेस से गिरफ्तार किया। हालांकि, उसकी गिरफ्तारी के बारे में कोई आधिकारिक रूप से बोलने को तैयार नहीं है।

एनआइए के पास इस सवाल का कोई जबाव नहीं है कि गवाह होने के बावजूद वह उनकी गिरफ्त से फरार क्यों हुआ। बाद में उसकी गिरफ्तारी के लिए इतनी जद्दोजहद क्यों करनी पड़ी। इस बीच बिहार पुलिस से मिली जानकारी के आधार पर एनआइए ने दिल्ली हवाई अड्डे से पटना धमाके के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी मोहम्मद अफजल को दूसरे गिरफ्तार आरोपी उज्जैर अहमद का रिश्तेदार बताया जाता है। बिहार पुलिस को सूचना मिली थी कि अफजल अपनी पत्नी से मिलने एयरपोर्ट पहुंचने वाला है। एनआइए की टीम अफजल को पटना ले जा रही है, जहां अन्य आरोपियों के साथ-साथ उससे भी पूछताछ की जाएगी।

पटना में कैंप दफ्तर खोलेगी एनआइए

पटना, जागरण ब्यूरो। नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान हुए सीरियल ब्लास्ट की पड़ताल के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) पटना में कैंप दफ्तर खोल सकती है। पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों के अनुसार इस संबंध में एनआइए की ओर से अभी लिखित सूचना नहीं मिली है। इस बीच बृहस्पतिवार को ब्लास्ट की जांच का जिम्मा एनआइए ने संभाल लिया है।

जानकारी के अनुसार एनआइए को स्थानीय स्तर पर सहयोग के लिए पुलिस मुख्यालय ने दो डीएसपी व एक इंस्पेक्टर नियुक्त किया है। पुलिस उच्चाधिकारियों ने बताया कि पटना सीरियल ब्लास्ट के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। एक प्राथमिकी पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर दस पर दूसरी गांधी मैदान और उसके इर्द-गिर्द हुए धमाकों के संबंध में दर्ज की जाएगी। अब तक हुई पूछताछ के वीडियो टेप भी एनआइए को सौंपे जाएंगे। इससे पहले बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से मिलकर धमाकों की जांच एनआइए से कराने की मांग की थी। इधर, जांच एजेंसियों की पड़ताल में यह स्पष्ट हो गया है कि आतंक का दरभंगा मॉड्यूल प्रदेश में बहुत दूर तक फैला है। समस्तीपुर के कल्याणपुर थानान्तर्गत मनियारपुर निवासी तहसीन अख्तर ऊर्फ मोनू के साथ सीमांचल व मिथिलांचल के कई युवा आतंकी गतिविधियों में जुड़े हुए हैं। शैक्षणिक संस्थानों की बहुलता वाले दरभंगा में गांवों से आने वाले युवकों को आइएम आसानी से बहलाकर संगठन में शामिल कर लेता है।

तहसीन का दाहिना हाथ है अली

दरभंगा, जागरण संवाददाता। पटना के गांधी मैदान में हुए बम धमाकों के बाद एनआइए समस्तीपुर के जिस तहसीन की सरगर्मी से तलाश कर रही है, उसका दाहिना हाथ दरभंगा का ही मुहम्मद अली बताया जाता है। वह हायाघाट थाने के सिधौली गांव निवासी और इंडियन मुजाहिदीन का सक्रिय आतंकी है। अली तहसीन के कॉलेज दिनों का साथी है। यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद अली लगातार तहसीन के इशारे पर काम करता रहा है।

जांच में पता चला है कि दरभंगा में अली व तहसीन के इशारे पर युवकों की बड़ी फौज को आतंकी ट्रेनिंग भी दी जाती रही है। पटना ब्लास्ट के बाद ही अली भी चर्चा में आया। उसकी तलाश में एनआइए ने मंगलवार रात मुजफ्फरपुर के मनियारी थाने के नीरपुर गांव में छापेमारी की थी। नीरपुर गांव में अली की ससुराल और ननिहाल है। उसकी मां यहीं अपने मायके में रहती है, जबकि उसके पिता मुहम्मद अंजार का बीस साल पहले निधन हो चुका है। एनआइए टीम ने बृहस्पतिवार को एक बार फिर दरभंगा के कई थाना क्षेत्रों की खाक छानी। इस बीच मालीघाट के सर सैयद कॉलोनी मेंबुधवार को मुहम्मद आफताब आलम के 'दी गाइडेंस आइटीआइ' संस्थान में छापेमारी के दौरान जब्त सामान को एनआइए ने कोर्ट में प्रस्तुत किया। एनआइए की मांग पर अदालत ने इन सामानों को दिल्ली ले जाने की अनुमति दे दी।

मोतिहारी में भी थी धमाकों की साजिश

पूर्वी चंपारण। आइएम ने पटना के साथ मोतिहारी शहर को भी दहलाने के लिए सीरियल ब्लास्ट की साजिश रची गई थी। जिले से गिरफ्तार आइएम के सदस्य अरशद ने इसका खुलासा किया। जिले के कल्याणपुर थाने के अलौला निवासी अरशद ने बताया कि वह मोतिहारी शहर के मीना बाजार व छतौनी चौक पर ब्लास्ट करने की साजिश रच चुका था और कई स्थानों की रेकी भी कर ली थी। उसने बताया कि गांधी मैदान में बम लगाए जाने वाले जगहों की उसे पूरी जानकारी थी। उसने गांधी मैदान की भी रेकी की थी। इस दौरान अरशद ने बोधगया विस्फोट में भी संलिप्तता स्वीकार करते हुए कहा कि इस बाबत इम्तियाज से कई बार बात हुई थी।

सहायक निदेशक के घर ठहरा था तबिश

पटना, जागरण संवाददाता। सीरियल ब्लास्ट में गिरफ्तार आतंकी तबिश नियाज उर्फ अरशद अंसारी ने लोकल कनेक्शन के बल पर गांधी मैदान व आसपास की रेकी की थी। वह आठ व नौ अक्टूबर को पटना के सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक इजराइल (पुलिस की ओर से कोर्ट में सौंपे कागजात के मुताबिक) के आवास पर ठहरा था।

गांधी मैदान पुलिस ने बृहस्पतिवार को तबिश को अदालत में पेश कर 15 दिनों के रिमांड पर मांगा, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। पूछताछ में तबिश ने बताया कि पटना के कुनकुन सिंह लेन में सहायक निदेशक का चचेरा भतीजा तसलीम आरिफ रहता है। सद्दाम और आरिफ भी उसके साथ थे। वह छह अक्टूबर को ही पटना आ गया था और 27 अक्टूबर को बमों को प्लांट करने के बाद ही यहां से गया। तबिश ने बताया कि मंजर आलम और मुहम्मद असलम ने उसे गोधरा व मुजफ्फरपुर दंगों की सीडी दिखाई थी। इस दौरान हैदर भी साथ था। वह कहता था कि कौम पर हमला करने वालों से बदला लेने वालों को शबाब और जन्नत नसीब होती है। इसके बाद मैं आतंकी वारदातों के लिए प्रेरित हो गया। पटना जंक्शन पर बम फटने के कुछ मिनट पहले ही इम्तियाज ने उससे बात की थी। इम्तियाज के पास मिले नंबर के सहारे ही पुलिस तबिश तक पहुंच सकी।

ब्लास्ट के दिन उज्जैर ने किया था 55 बार फोन

रांची, जागरण संवाददाता। रांची के मनीटोला फिरदौस नगर से बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) द्वारा दिल्ली ले जाए गए उज्जैर ने पटना ब्लास्ट के दिन तहसीन अख्तर से करीब 55 बार फोन पर बात की थी। आतंकियों से मिले फोन की कॉल डिटेल से पता चला है कि धमाके का सूत्रधार रहा तहसीन बार-बार उज्जैर को निर्देश देता था। इंडियन मुजाहिदीन के सरगना यासीन भटकल का करीबी तहसीन फिलहाल बिहार में संगठन का मुख्य सूत्र है। उसके इशारे पर ही पटना के गांधी मैदान सहित विभिन्न जगहों पर बम प्लांट किए गए थे।

दक्षिण अफ्रीकी देश में नौकरी करता था उज्जैर

एनआइए द्वारा गिरफ्तार 44 वर्षीय उज्जैर वर्ष 1997 में दक्षिण अफ्रीकी देश इथोपिया गया था। जहां करीब साढ़े तीन साल नौकरी कर वर्ष 2000 में वापस रांची आ गया। नौकरी के दौरान ही 1997 में उसने इथोपिया के लमलम बरहा की रहने वाली फातमा सानी नामक युवती से शादी कर ली थी। उसके दो बेटे व एक बेटी है। उज्जैर मूल रूप से पटना केबिहटा का रहने वाला है। उसके पिता शमशुल होदा बिहार के विक्रमगंज में टीचर ट्रेनिंग स्कूल में कार्यरत थे। मैट्रिक के बाद वह रांची में अपने चाचा एस. होदा के पास आ गया जो डोरंडा के मनीटोला में रहते हैं। यहां पॉलीटेक्निक की पढ़ाई पूरी की वह मुंबई चला गया और वहां से इथोपिया।

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