मुजफ्फरनगर में लिखी जा रही थी पटना बम धमाके की पटकथा
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की पटना में हुंकार रैली के दौरान हुए बम धमाके की पठकथा मुजफ्फरनगर दंगे के बाद से ही लिखनी शुरू हो गई थी। ऐसी बात नहीं थी कि पुलिस और खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक न हो। खासकर राहुल गांधी के बयान के बाद से खुफिया एजेंसियां चौकस
मुजफ्फरनगर [जासं]। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की पटना में हुंकार रैली के दौरान हुए बम धमाके की पटकथा मुजफ्फरनगर दंगे के बाद से ही लिखनी शुरू हो गई थी। ऐसी बात नहीं थी कि पुलिस और खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक न हो। खासकर राहुल गांधी के बयान के बाद से खुफिया एजेंसियां चौकस हो गई थी।
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इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक यासीन भटकल के गिरफ्त में आने के बाद से ही पुलिस को मुजफ्फरनगर समेत वेस्ट यूपी के जिलों में उसके जाल फैले होने की आशंका थी। मेरठ जोन के आइजी ब्रजभूषण शर्मा ने दंगों के तत्काल बाद खुफिया से मिले इनपुट पर पुलिस कप्तानों को आतंकी यासीन भटकल का पुराना इतिहास बताते हुए उसके संपर्क सूत्रों को तलाशने के लिए पत्र भी जारी किया था।
सूत्र बताते हैं कि दंगे का बदला लेने की खिचड़ी आतंकी आकाओं के जेहन में पक रही थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मुजफ्फरनगर में दंगा राहत शिविरों में रह रहे कुछ युवाओं के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ से संपर्क साधने का बयान देकर इस ओर इशारा किया था। शनिवार को आइबी के अफसरों ने मुजफ्फरनगर में डेरा डालकर जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा समेत तमाम अफसरों से इस बावत जानकारी ली। इसके अगले दिन ही नरेंद्र मोदी की पटना रैली में बम धमाकों को अंजाम दिया गया। इस दौरान हिरासत में लिए आतंकी से पूछताछ में धमाके के तार मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़े होने की बात सामने आ रही है। खुद जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा कहते हैं कि आइबी ने उनसे कई बिंदुओं पर पड़ताल की। वो लगातार एजेंसियों के संपर्क में हैं।
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