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आम चुनाव के पूर्व दलित समीकरण दुरुस्त करने में जुटी भाजपा

चुनावी सर्वेक्षण में अब भी बहुमत से पीछे खड़ी भाजपा दलित वोटबैंक को साधने में जुट गई है। कभी राजग में शामिल रही रामविलास पासवान की लोजपा के साथ रिश्ते फिर से बनने लगे हैं। वहीं, दलित नेता उदितराज सोमवार को भाजपा में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि अगले एक-दो दिन में रामविलास पासवान से दोस्ती पर कोई औपचारिक घोषणा हो सकती है। बिहार में उपेंद्र कुशवाहा को जोड़ने के बाद भाजपा लोजपा को भी साथ लाकर चुनावी समीकरण दुरुस्त करना चाहती है। बताते हैं कि खुद पासवान पर पार्टी के

By Edited By: Published: Sun, 23 Feb 2014 07:45 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2014 12:38 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। चुनावी सर्वेक्षण में अब भी बहुमत से पीछे खड़ी भाजपा दलित वोटबैंक को साधने में जुट गई है। कभी राजग में शामिल रही रामविलास पासवान की लोजपा के साथ रिश्ते फिर से बनने लगे हैं। वहीं, दलित नेता उदितराज सोमवार को भाजपा में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि अगले एक-दो दिन में रामविलास पासवान से दोस्ती पर कोई औपचारिक घोषणा हो सकती है। बिहार में उपेंद्र कुशवाहा को जोड़ने के बाद भाजपा लोजपा को भी साथ लाकर चुनावी समीकरण दुरुस्त करना चाहती है। बताते हैं कि खुद पासवान पर पार्टी के अंदर से बहुत दबाव है।

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लोजपा के कई नेताओं का मानना है कि पिछले वर्षो में पार्टी को उस वोट बैंक का लाभ नहीं मिला जिसके लिए नीति बनाई गई थी। अब जब प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को एसआइटी ने बरी कर दिया है, तो भाजपा के बहिष्कार का कोई कारण नहीं है। सूरजभान सिंह ने खुलकर भाजपा से गठजोड़ की पैरवी कर दी है। पासवान के कई अन्य नजदीकी भी यही चाहते हैं। दरअसल, कांग्रेस-राजद-लोजपा गठजोड़ को लेकर भी कोई ठोस बात नहीं हो पाई है। ऐसे में एक रास्ता अपनाना जरूरी है। हालांकि, लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अभी किसी गठजोड़ से इन्कार किया, लेकिन साथ ही कहा कि पार्टी के अंदर कई विचार हैं। उम्मीद है कि लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक मंगलवार को होगी। ध्यान रहे कि बिहार में भाजपा पहले ही मोदी का ओबीसी कार्ड खेल रही है। अगर पासवान भी साथ आए तो राजग बड़े वोटबैंक का दावा कर सकती है।

गठजोड़ की पुष्टि तो भाजपा के नेता भी नहीं कर रहे हैं, लेकिन पटना में सुशील मोदी ने सीबीआइ के मुद्दे पर पासवान का बचाव शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि पासवान को उलझाने की कोशिश हो रही है। हालांकि, औपचारिक घोषणा से पहले कई सीटों पर सहमति बनाना कठिन होगा। दूसरी तरफ पासवान के दलित मोर्चे में रह चुके उदितराज सोमवार को भाजपा में शामिल हो रहे हैं। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें उत्तर प्रदेश में किसी सीट से चुनाव भी लड़ा सकती है। अगर उदितराज और पासवान राजग में जुटे तो इसी के सहारे उत्तर प्रदेश में बसपा वोटबैंक को तोड़ने की कोशिश भी होगी।


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