सेना से लेकर पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी नेटवर्क में शामिल
महमूद खान की तैनाती इसी मकसद से पाक उच्चायोग की वीजा शाखा में की गई थी ताकि वह भारतीयों के संपर्क में आ सके।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : सेना, बीएसएफ और पैरामिलिट्री के अंदर के गोपनीय दस्तावेज आखिर किस तरह से जासूसों के जरिये आइएसआइ तक पहुंचे हैं, पूरे नेटवर्क में कौन-कौन सैन्य अधिकारी शामिल हैं और क्या-क्या दस्तावेज आइएसआइ को भेजे जा चुके हैं। इन सवालों के जवाब तलाशने में जुटी क्राइम ब्रांच की मानें तो गिरोह के नेटवर्क से सेना, बीएसएफ एवं पैरामिलिट्री के कई अधिकारी-जवान जुड़े हैं।
पाक उच्चायोग में महमूद अख्तर जैसे तैनात कई अधिकारी भी गिरोह में शामिल हैं, जिनके तार सीमा से सटे राज्यों के कई ऐसे जासूसों से जुडे़ हैं जो इनके माध्यम से आइएसआइ तक गोपनीय दस्तावेज एवं जानकारी पहुंचा रहे हैं। वीजा एजेंट शोएब के जरिए ही महमूद अख्तर से आइएसआइ एजेंट मौलाना रमजान खान मिला था।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजस्थान एवं गुजरात में महमूद खान ने जासूसों का नेटवर्क तैयार किया था। महमूद खान की तैनाती इसी मकसद से पाक उच्चायोग की वीजा शाखा में की गई थी ताकि वह भारतीयों के संपर्क में आ सके। वीजा की कार्यवाही के दौरान वह ऐसे भारतीय नागरिकों की पहचान कर सके जो आर्थिक रूप से मजबूर है, उन्हें रुपये का लालच देकर इस काम के लिए तैयार किया जा सके। महमूद के संपर्क में जोधपुर निवासी शोएब था, जोकि वीजा दिलवाने एवं पासपोर्ट बनवाने का काम करता था। शोएब के पास मौलाना रमजान वीजा एवं पासपोर्ट के लिए लोगों को भेजता था।
पढ़ें- पाकिस्तानी जासूस महमूद अख्तर को 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ने का फरमान
जांच अधिकारियों के अनुसार मौलाना रमजान एवं सुभाष से पूछताछ में सेना, बीएसएफ और पैरामिलिट्री के कई अधिकारियों एवं जवानों के अलावा पाक उच्चायोग के अधिकारियों के नाम सामने आए हैं, जो इनके संपर्क में थे। उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने से पहले क्राइम ब्रांच उनके खिलाफ सुबूत जुटा रही है। जांच अधिकारियों की मानें तो रिमांड पर लेकर पूछताछ करने पर रमजान एवं सुभाष से कई अहम जानकारी मिल सकती हैं। इसके बाद ही इन सभी पर कार्रवाई की जाएगी।
पढ़ें- ISI के लिए जासूसी करता था पाक उच्चायोग का अफसर, IB इनपुट पर खुली पोल