आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए फायरिंग कर रहा पाक
कश्मीर में सीमा पर पाकिस्तान की ओर से भारी गोलीबारी का असली मकसद आतंकियों की घुसपैठ कराना है। सीमा से सटे पाकिस्तानी इलाके में इस बीच कम-से-कम तीन बार हथियारों से लैस आतंकियों को देखा गया है। बीएसएफ के महानिदेशक डीके पाठक ने कहा कि पाकिस्तानी गोलीबारी का माकूल जवाब दिया जा रहा है।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। कश्मीर में सीमा पर पाकिस्तान की ओर से भारी गोलीबारी का असली मकसद आतंकियों की घुसपैठ कराना है। सीमा से सटे पाकिस्तानी इलाके में इस बीच कम-से-कम तीन बार हथियारों से लैस आतंकियों को देखा गया है। बीएसएफ के महानिदेशक डीके पाठक ने कहा कि पाकिस्तानी गोलीबारी का माकूल जवाब दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गृहमंत्रालय की ओर से इसके लिए उन्हें स्पष्ट निर्देश दिया गया है।
बीएसएफ महानिदेशक ने कहा कि 16 अगस्त के बाद 25 सीमा चौकियों पर शुरू हुई फायरिंग लगातार जारी है और इसका असली उद्देश्य आतंकियों की घाटी में घुसपैठ कराना है। उन्होंने कहा कि रात के समय थर्मल डिवाइस के जरिये बीएसएफ के जवानों ने सीमा के उस पार हथियारों से लैस आतंकियों को देखा है। पिछले एक हफ्ते में ऐसा तीन बार हो चुका है। बीएसएफ की ओर से फायरिंग के बाद आतंकी भाग खड़े हुए।
बीएसएफ महानिदेशक ने कहा कि फायरिंग रोकने के लिए फ्लैग मीटिंग का कई बार प्रस्ताव भेजा चुका है, लेकिन पाकिस्तानी रेंजर इसका जवाब नहीं दे रहे हैं। अंतिम बार शनिवार की रात को इसका प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की ओर से नागरिक ठिकानों को निशाना बनाकर फायरिंग की जा रही है, जिसमें अभी दो लोग मारे जा चुके हैं और 19 लोग घायल हुए हैं, जिनमें बीएसएफ के जवान भी शामिल हैं। भारत इसका माकूल जवाब दे रहा है, लेकिन बीएसएफ के जवान आम आबादी को निशाना बनाने से बच रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अखबारों में वहां के पांच लोगों के मारे जाने और 16 के घायल होने की खबरें छपी हैं।
भारत-बांग्लादेश सीमा पर बढ़ेगी चौकसी
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बांग्लादेश सीमा गार्ड (बीजीबी) ने आपसी सहयोग से सीमा पर तस्करी और अन्य ¨हसक गतिविधियों पर लगाम लगाने का फैसला किया है। बीएसएफ और बीजीबी के बीच पिछले पांच दिनों से जारी बातचीत के बाद जारी साझा बयान में सीमा पर मवेशियों, मादक पदार्थो, नकली भारतीय नोटों की तस्करी रोकने के लिए चौकसी बढ़ाने की बात कही गई है।
दोनों ओर से संवेदनशील इलाकों पर खासतौर रात के समय गश्त बढ़ाने और जवानों को अंधेरे में देखने के उपकरणों से लैस करने की जरूरत पर बल दिया गया। अधिकांश तस्कर खुली सीमा का लाभ उठाते हुए रात के अंधेरे में तस्करी को अंजाम देते हैं। बांग्लादेश पहले ही साफ कर चुका है कि वह अपनी धरती का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं होने देगा।
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