वाहन प्रदूषण टेस्ट: फेल हुए वाहनों में 62 फीस सरकारी नेताओं के...
प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों में सबसे अधिक वही वाहन शामिल हैं जो सरकार के अधिकारियों के हैं। इन वाहनों का उचित रख-रखाव न होने के कारण यह हाल है।
बेंगलुरु। नेताओं के 71 फीसद डीजल वाहन और 42 फीसद पेट्रोल वाहन सीमित दायरे से अधिक उत्सर्जन करते हैं। 2013 टोयोटा कोरोला से निकलने वाले धुएं का घनत्व 99 फीसद पाया गया।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, ज्वाइंट मॉनिटरिंग कमिटी के अधिकारी पिछले पांच दिनों से शहर में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन का स्तर जांच रहे हैं। सोमवार को कब्बन पार्क में सरकारी वाहनों को सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने के स्तर को देख वे चौंक गए। 70 पेट्रोल वाहनों में से 50 वाहन टेस्ट में असफल हो गए। इसी तरह 33 डीजल वाहनों में 14 वाहन जांच में असफल पाए गए। कुल मिलाकर 70 फीसद सरकारी वाहन इस जांच में फेल हुए।
कर्नाटक स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन, लक्ष्मण ने कहा, ‘सही रख-रखाव न होने के कारण सरकारी वाहनों को जांच के दौरान असफल पाया गया जिसे जान काफी अचंभा हुआ।‘
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘भारत सरकार की 2013 सेडान में 99 फीसद स्मोक डेंसिटी था। इसी तरह वक्फ बोर्ड की 2012 जीप 98.7 फीसद, दूसरे सेडान में 90 फीसद पाया गया।‘
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