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नमो के अचानक पाकिस्तान दौरे से विपक्ष हतप्रभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक पाकिस्तान दौरे से विपक्ष हतप्रभ है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा रास नहीं आया है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2015 04:36 PM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2015 05:52 AM (IST)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक पाकिस्तान दौरे से विपक्ष हतप्रभ है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा रास नहीं आया है। जबकि जदयू और आप जैसे राजनीतिक दलों ने हैरानी जताई है। इसके विपरीत भाकपा और कश्मीरी अलगाववादियों ने इस दौरे का खुलकर स्वागत किया है। नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने इस पहल को शानदार कदम करार दिया है।

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नाराज शिवसेना ने पूछा कि क्या इस दौरे से पाकिस्तान आतंकी दाऊद को सौंप देगा? पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, 'शनिवार को दाऊद का जन्मदिन है। मोदी अगर लौटते समय उसको अपने साथ लाने में सफल रहते हैं, तभी हम पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ उनकी बैठक का स्वागत करेंगे।' कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के इस कदम को विदेश नीति की नाकामी करार दिया है। इस अचानक दौरे पर दी गई तीखी टिप्पणी में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा 'विदेश नीति कोई मजाक नहीं है।' कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इसे हास्यास्पद करार देते हुए जोखिम भरा कदम बताया।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने मोदी के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। पार्टी सचिव डी राजा ने कहा कि हमारे संबंधों में काफी तनाव रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पाकिस्तान यात्रा से आखिरकार रिश्तों में जमी बर्फ पिघली है। मोदी की यह यात्रा श्रृंखला की अगली कड़ी है। जदयू और आप जैसे दलों ने प्रधानमंत्री मोदी के लाहौर दौरे पर हैरानी जताई है। जदयू ने कहा कि दोस्ती और विश्वासघात साथ-साथ नहीं चल सकता। पार्टी नेता केसी त्यागी ने कहा 'मैं हैरान और स्तब्ध हूं।' इसी तरह आप ने भी अपनी हैरानी पूर्ण प्रतिक्रिया में कहा है 'ऐसा क्या बदल गया कि प्रधानमंत्री मोदी को अचानक लाहौर जाना पड़ा।'

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पार्टी नेता आशुतोष ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत जरूरी है, लेकिन तब भाजपा विरोध कर रही थी। अब उन्हें बताना चाहिए कि उसे इतना याराना क्यों लग रहा है। कश्मीर के अलगाववादियों ने इस दौरे का स्वागत किया है। हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुख ने इसे सकारात्मक कदम बताया है। जबकि कट्टरपंथी गुट के नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कहा कि भारत-पाक रिश्तों में सुधार पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। कश्मीर की जनता इसका स्वागत करती है। इससे दोनों देशों को करीब लाने में मदद मिलेगी।


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