हर चार कुपोषित लोगों में से एक भारतीय
केंद्र में सत्तारूढ़ नई सरकार भले ही लोगों के अच्छे दिन लाने के प्रयास में जुटी हो, लेकिन इस सच्चाई से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि आज भी दुनिया के चार कुपोषित लोगों में से एक भारत से है। शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय संस्था खाद्य एवं कृषि संगठन ने अपनी कृषि आउटलुक रिपोर्ट में भारत की गरीबी का कुछ
नई दिल्ली। केंद्र में सत्तारूढ़ नई सरकार भले ही लोगों के अच्छे दिन लाने के प्रयास में जुटी हो, लेकिन इस सच्चाई से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि आज भी दुनिया के चार कुपोषित लोगों में से एक भारत से है। शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय संस्था खाद्य एवं कृषि संगठन ने अपनी कृषि आउटलुक रिपोर्ट में भारत की गरीबी का कुछ ऐसा ही चेहरा पेश किया है। देश में गरीबी और कुपोषण की तस्वीर पेश करते चौंकाने वाले इन आंकड़ों पर पेश है एक नजर :
21.30 करोड़ - देश में कुपोषित लोगों की संख्या
17 करोड़ हेक्टेयर - देश में खेतिहर जमीन का रकबा
61 किलोग्राम - प्रति भारतीय द्वारा सलाना गेहूं का उपभोग
81 किलोग्राम - प्रति अमेरिकी द्वारा सलाना गेहूं का उपभोग
45 किलोग्राम - प्रति अमेरिकी द्वारा सालभर में उपभोग किए जाने वाले चिकन की मात्रा
1.7 किलोग्राम - प्रति भारतीय सलाना उपभोग किया जाने वाला चिकन
12 किलोग्राम - प्रति अमेरिकी द्वारा सलाना उपभोग किए जाने वाले चावल की मात्रा
73 किलोग्राम - प्रति भारतीय द्वारा सलाना उपभोग किए जाने वाले चावल की मात्रा
52 फीसद - भारत से दक्षिण-पूर्व एशिया को निर्यात होने वाला कुल भैंस का मांस
48 फीसद - पांच साल से नीचे की उम्र में कम वजन के बच्चों की हिस्सेदारी
0.78 किलोग्राम - प्रति भारतीय द्वारा साल भर में उपभोग किए जाने वाले बीफ की मात्रा
25 किलोग्राम - प्रति अमेरिकी द्वारा सालाना उपभोग किए जाने वाला बीफ