मोदी ने कार के भीतर से ही किया महामना को नमन
नरेंद्र मोदी की यह पांचवीं काशी यात्रा थी, लेकिन बतौर प्रधानमंत्री पहला अवसर। पांच में से चार बार नमो का सामना बीएचयू से हुआ।
वाराणसी। नरेंद्र मोदी की यह पांचवीं काशी यात्रा थी, लेकिन बतौर प्रधानमंत्री पहला अवसर। पांच में से चार बार नमो का सामना बीएचयू से हुआ। हर बार अलग-अलग तरीके से। इन चार में से भी तीन बार उन्होंने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, हालांकि इस बार पीएम प्रोटोकाल के चलते कार (काले रंग की सफारी) के भीतर से ही बीएचयू सिंहद्वार से गुजरते वक्त महामना की प्रतिमा को सिर्फ नमन ही कर पाए।
सबसे पहले मोदी 20 दिसंबर, 2013 में बतौर भाजपा के पीएम पद प्रत्याशी काशी आए थे। मिर्जामुराद के खजुरी में जनसभा करने के बाद वापसी में उनका हेलीकाप्टर बीएचयू हैलीपैड पर उतरा। कुछ देर के लिए एलडी गेस्ट हाउस में ठहरे तो वहां मौजूद महामना की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। इसके बाद इसी साल 24 अप्रैल को मोदी नामांकन करने के लिए आए तो नामांकन जुलूस निकालने से पहले सिंहद्वार पर महामना की प्रतिमा पर हजारों की भीड़ के बीच माल्यार्पण कर काशी को नमन किया।
आठ मई को बेनियाबाग में सांसद प्रत्याशी मोदी की रैली के लिए भाजपा को जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। बावजूद इसके मोदी आए और मौन का जो डंका बजाया, वह जुलूस बीएचयू से ही निकला था। जुलूस के पहले एलडी गेस्ट हाऊस में उन्होंने महामना की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। बतौर प्रधानमंत्री मोदी का जब अबकी बार अक्टूबर में कार्यक्रम तय हुआ तो प्रारंभिक प्रोटोकाल में बीएचयू का भी नाम शामिल था। संभावना यह भी थी कि मोदी बीएचयू ट्रामा सेंटर का उद्घाटन करेंगे, लेकिन हुदहुद के चलते यात्रा ही टल गई।
सात व आठ नवंबर के दो दिवसीय काशी दौरे के प्रारंभिक प्रोटोकाल में बीएचयू शामिल था, लेकिन बाद में कट गया। यही वजह है कि शनिवार सुबह जब मोदी डीरेका से अस्सी घाट के लिए निकले तो पीएम प्रोटोकाल की विवशता में वह लंका पर रुककर महामना का माल्यार्पण भले न कर पाए, लेकिन आते जाते दोनों ही वक्त कार में से ही प्रतिमा का दर्शन और नमन किया।
जानिए, मोदी कब, कब आए काशीः
-20 दिसंबर 2013 : खजुरी में सभा
-24 अप्रैल 2014 : नामांकन
-08 मई : रोड शो
-17 मई : विजय आभार यात्रा
-7 व 8 नवंबर : बतौर पीएम यात्रा