विदेश से पार्थिव शरीर भारत लाना अब होगा आसान
कामकाज के लिए विदेश गए किसी भारतीय की मौत के बाद उसका पार्थिव शरीर लाने की जद्दोजहद अब कुछ कम हो सकेगी। विदेश व प्रवासी भारतीय कार्य मंत्रालय ने एक वेब ट्रैकिंग सिस्टम शुरूकिया है, जिसके सहारे परिजन मृतक के पार्थिव शरीर हासिल करने की पूरी प्रक्रिया पर नजर रख सकेंगे। विदेश व प्रवासी भारतीय मामलों की मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को इस ट्रैकिंग सिस्टम का उद्घाटन करने के बाद कहा कि पद संभालने के बाद से ही उन्हें पार्थिव देह पाने को लेकर पीड़ित परिवारों की वेद
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कामकाज के लिए विदेश गए किसी भारतीय की मौत के बाद उसका पार्थिव शरीर लाने की जद्दोजहद अब कुछ कम हो सकेगी। विदेश व प्रवासी भारतीय कार्य मंत्रालय ने एक वेब ट्रैकिंग सिस्टम शुरूकिया है, जिसके सहारे परिजन मृतक के पार्थिव शरीर हासिल करने की पूरी प्रक्रिया पर नजर रख सकेंगे। विदेश व प्रवासी भारतीय मामलों की मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को इस ट्रैकिंग सिस्टम का उद्घाटन करने के बाद कहा कि पद संभालने के बाद से ही उन्हें पार्थिव देह पाने को लेकर पीड़ित परिवारों की वेदना भरी गुहार साल रही थी। लिहाजा इस प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने का फैसला किया गया। खाड़ी मुल्कों में मौजूद भारतीय राजदूतों व उच्चायुक्तों की बैठक में भी चर्चा की गई। इसके बाद कुछ ही वक्त में यह ऑनलाइन सेवा अब जनता के लिए उपलब्ध है।
मीडिया के सवालों का जवाब दे रहीं स्वराज ने स्पष्ट किया कि यह सहूलियत और सरकार की मदद हर भारतीय के लिए उपलब्ध है। विदेशों में मौजूद भारतीय दूतावास अपने नागरिक की पार्थिव देह की वतन वापसी में हर जरूरी सहायता मुहैया कराएंगे।
इस मौके पर प्रवासी भारतीय कार्य सचिव प्रेम नारायण ने कहा कि ट्रैकिंग सिस्टम शुरू होने के साथ ही 100 भारतीय मिशनों ने अपने यहां से पार्थिव शरीर भेजने संबंधी मामलों को सार्वजनिक कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि नए सिस्टम के जरिए खासतौर पर उन भारतीयों के परिजनों को मदद मिल सकेगी, जो आव्रजन मंजूरी की श्रेणी में आते हैं। अकेले खाड़ी मुल्कों में ही भारत के सात करोड़ नागरिक हैं।