क्षेत्र के बाहर 25 लाख का काम करा सकेंगे सांसद
संसद सदस्य अब अपने निर्वाचन क्षेत्र के बाहर विकास कार्यो पर सालाना 25 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे। सरकार ने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (एमपीलैड) के नियमों में ढील दी है, जिसके बाद यह संभव हुआ है। अब तक यह सीमा 10 लाख रुपये सालाना थी। सांख्यिकी कार्यक्रम और क्रियान्वयन मंत्रालय के एक अधिकारी
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। संसद सदस्य अब अपने निर्वाचन क्षेत्र के बाहर विकास कार्यो पर सालाना 25 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे। सरकार ने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (एमपीलैड) के नियमों में ढील दी है, जिसके बाद यह संभव हुआ है। अब तक यह सीमा 10 लाख रुपये सालाना थी।
सांख्यिकी कार्यक्रम और क्रियान्वयन मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि संसद सदस्य काफी समय से इस बात की मांग कर रहे थे कि उन्हें उनके निर्वाचन क्षेत्र या राज्य से बाहर एमपीलैड के तहत खर्च करने की मौजूदा 10 लाख रुपये की सीमा बढ़ाई जाए।
दस लाख रुपये की सीमा जून 2011 में तय की गई थी। उस समय प्रत्येक संसद सदस्य को एमपीलैड के तहत सालाना दो करोड़ रुपये के विकास कार्य कराने का अधिकार था। अब प्रत्येक सांसद को पांच करोड़ रुपये सालाना के विकास कार्य कराने का अधिकार है।
अधिकारी ने कहा कि अगर कोई संसद सदस्य अपने क्षेत्र से बाहर विकास कार्य कराने के लिए अपनी एमपीलैड की धनराशि खर्च करता है, तो इससे लोगों के बीच एकता और सौहार्द का भाव बढ़ेगा।
हालांकि सांसद एमपीलैड के तहत बढ़ी खर्च की इस सीमा का इस्तेमाल ट्रस्ट, सोसाइटी और कोऑपरेटिव सोसाइटी पर खर्च नहीं कर सकेंगे।
मंत्रालय ने एक और अहम बदलाव करते हुए एमपीलैड के तहत सरकारी इमारतों, स्कूलों, कालेजों, अस्पतालों और सामुदायकि हॉल में बारिश के पानी को सहेजने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की अनुमति भी दी है।
इसके अलावा मंत्रालय ने सभी संसद सदस्यों से एमपीलैड के तहत स्कूलों में टॉयलेट बनाने की सिफारिश करने का आग्रह भी किया है।