हवाई यात्रियों पर मेहरबान हुई सरकार, मिलेगा ज्यादा मुआवजा
अब फ्लाइट कैंसिल या लेट होने या बोर्डिंग से मनाही पर यात्रियों को एयरलाइनों से ज्यादा मुआवजा मिलेगा।
नई दिल्ली। अब फ्लाइट कैंसिल या लेट होने या बोर्डिंग से मनाही पर यात्रियों को एयरलाइनों से ज्यादा मुआवजा मिलेगा। जबकि यात्री की ओर से टिकट कैंसिल कराए जाने पर अपेक्षाकृत कम शुल्क काटा जाएगा। इसके लिए डीजीसीए से मौजूदा सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (सीएआर) में बदलाव करने को कहा गया है। इन्हें लागू करने से पहले जनता की राय ली जाएगी।
नागरिक विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू के मुताबिक, अब एयरलाइनें 15-20 किलोग्राम से ज्यादा बैगेज पर प्रति किलोग्राम 100 रुपये से अधिक शुल्क नहीं काट सकेंगी। अभी निजी एयरलाइनें 15 किलोग्राम से अधिक वजन पर प्रति किग्रा 300 रुपये तक का शुल्क वसूलती हैं। केवल एयर इंडिया 23 किलोग्राम तक फ्री बैगेज की इजाजत देती है।
इसी तरह बोर्डिंग से इनकार की दशा में अधिक क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। यदि यात्री को 24 घंटे के भीतर वैकल्पिक फ्लाइट उपलब्ध करा दी जाती है तो एकतरफा बेसिक फेयर प्लस फ्यूल चार्ज के दोगुने के बराबर राशि अदा करनी होगी। चौबीस घंटे बाद वैकल्पिक फ्लाइट की दशा में यह चार गुना हो जाएगी। यही रकम यात्री द्वारा विकल्प से इनकार की स्थिति में भी (अधिकतम 20 हजार रुपये) होगी।
फ्लाइट कैंसिल होने के बारे में यदि कम से कम दो हफ्ते पहले यात्री को सूचना दे दी गई है तथा दो घंटे के भीतर जाने वाली किसी दूसरी फ्लाइट का इंतजाम कर दिया गया है तो यात्री को कोई क्षतिपूर्ति नहीं दी जाएगी।
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कैंसिलेशन पर भी मुआवजा बढ़ायाः
फ्लाइट कैंसिलेशन की स्थिति में यात्री को एक तरफ का बेसिक किराया प्लस फ्यूल चार्ज अथवा 5000 रुपये (जो भी कम हो) का मुआवजा देना होगा। दो घंटे से अधिक के ब्लॉक टाइम (प्रस्थान से आगमन तक के कुल समय) वाली उड़ानों में क्षतिपूर्ति की रकम 10 हजार रुपये होगी। यदि यात्री टिकट कैंसिल कराता है या उस पर यात्रा नहीं करता है तो उसे सभी वैधानिक करों और पैसेंजर डेवलपमेंट फी (पीएसएफ) के अलावा यूजर डेवलपमेंट फी (यूडीएफ) तथा एयरपोर्ट डेवलपमेंट फी (एडीएफ) भी वापस करनी होगी। अभी केवल पीएसएफ वापस करने का नियम है।
एयरलाइनें एजेंट से बुक कराए गए टिकटों पर रिफंड से पल्ला नहीं झाड़ सकेंगी। उन्हें डोमेस्टिक फ्लाइट के मामले में 15 दिन तथा इंटरनेशनल फ्लाइट के मामले में 30 दिन के भीतर रिफंड देना होगा।
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दिव्यांगों के लिए भी सुविधाः
कुछ कदम दिव्यांगों के हित में भी उठाए गए हैं। मसलन, यदि एंबुलिफ्ट या एयरोब्रिज की सुविधा नहीं है तो हटाए/लगाए जा सकने वाले (टोवेबल) रैंप का इंतजाम करना होगा। इसी तरह पहले से सूचित करने पर स्ट्रेचर भी उपलब्ध कराना होगा।
डीजीसीए प्रमुख एम. सत्यवती ने कहा कि इन प्रस्तावों पर एयरलाइनों से चर्चा हो चुकी है और किसी विरोध की उम्मीद नहीं है।
एयरलाइनों की लेटलतीफी
- कुल उड़ानें: 18,512
- इंडिगोः 5426
- जेट एयरवेजः 5040
- एयर इंडियाः 3111
- स्पाइस जेटः 2205
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