झारखंड में हो सकता है गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री
झारखंड में अगर भाजपा की सरकार बनी तो इसे पहला गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री मिल सकता है। हालांकि, पार्टी का कोई बड़ा नेता अभी इस बारे में बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन न सिर्फ पार्टी हाईकमान बल्कि संघ भी इस फार्मूले पर सहमत है।
रांची (मुकेश केजरीवाल)। झारखंड में अगर भाजपा की सरकार बनी तो इसे पहला गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री मिल सकता है। हालांकि, पार्टी का कोई बड़ा नेता अभी इस बारे में बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन न सिर्फ पार्टी हाईकमान बल्कि संघ भी इस फार्मूले पर सहमत है।
भाजपा की ओर से राज्य के मुख्यमंत्री को लेकर चल रहीं अटकलों के बीच भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने साफ तौर पर माना कि इस बार अगर पार्टी को बहुमत मिला तो यहां गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इस पर पार्टी नेतृत्व के साथ ही संघ की भी सहमति है। इसे और स्पष्ट करते हुए वे कहते हैं, ‘पार्टी नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि इस बार किसी जाति और वर्ग की राजनीति नहीं होगी।
राज्य की जनता अगर हमें चुनती है तो वह सिर्फ राज्य के विकास के लिए होगा।’ ऐसे में तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके अर्जुन मुंडा की बजाय क्या रघुबर दास, सरयू राय या रविंद्र राय जैसे किसी नेता को मौका मिलेगा। इस सवाल पर वे कहते हैं कि ज्यादा संभावना इस बात की ही है कि किसी बेदाग और नए चेहरे के हाथ में कमान दी जाएगी। केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद हरियाणा और महाराष्ट्र दोनों ही जगह भाजपा ने गैर जाट और गैर मराठा मुख्यमंत्री को कुर्सी पर बिठाया है।