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सुनंदा मामले में रिपोर्ट बदलने के दबाव के आरोपों से एम्स का इन्कार

पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर उठे विवाद से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान [एम्स] प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया है। रिपोर्ट को थरूर के पक्ष में बदलने के फोरेंसिक साइंस विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुधीर गुप्ता के आरोपों को उसने पूरी तरह गलत बताया है। थरूर ने खुद भी इस मामले में जल्द और पारदर्शी तरीके से जांच पूरी करने की अपील की है।

By Edited By: Published: Wed, 02 Jul 2014 08:12 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jul 2014 10:31 AM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर उठे विवाद से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान [एम्स] प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया है। रिपोर्ट को थरूर के पक्ष में बदलने के फोरेंसिक साइंस विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुधीर गुप्ता के आरोपों को उसने पूरी तरह गलत बताया है। थरूर ने खुद भी इस मामले में जल्द और पारदर्शी तरीके से जांच पूरी करने की अपील की है।

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इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि किसी मंत्री को पोस्टमॉर्टम जैसे मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। जबकि भाजपा ने इस मामले में संयम दिखाते हुए सिर्फ इतना ही कहा है कि सुनंदा को न्याय मिलना चाहिए।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदलने के लिए एम्स प्रशासन और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दबाव डाले जाने के डॉ. सुधीर गुप्ता के आरोप को एम्स ने बुधवार को सिरे से नकार दिया। एम्स में मीडिया और प्रोटोकॉल विभाग की प्रमुख डॉ. नीरज भाटला ने कहा कि ऐसे आरोपों के बारे में मीडिया के जरिये जानकारी मिली है। लेकिन अस्पताल के पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि कभी भी उन पर इस मामले में कोई दबाव डाला गया हो। यह मामला इसलिए काफी पेचीदा हो गया है क्योंकि डॉ. गुप्ता ने ये सनसनीखेज आरोप तब लगाए हैं, जबकि सरकार बदल चुकी है और खुद उनके खिलाफ अस्पताल प्रशासन कुछ आरोपों पर सुनवाई कर रहा है।

डॉ. गुप्ता के खिलाफ शोध में नकल और दु‌र्व्यवहार करने के आरोप थे। साथ ही पिछले दिनों फोरेंसिक विभाग के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दूसरे डॉक्टर को दे दी गई है। डॉ. गुप्ता ने एम्स के इस कदम के खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिकन्यायाधिकरण (कैट) का दरवाजा खटखटाया है। कैट में एक शपथपत्र देकर उन्होंने आरोप लगाया है कि तब के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद और एम्स प्रशासन ने उन पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गड़बड़ी करने के लिए दबाव बनाया था।

एम्स प्रवक्ता डॉ. भाटला ने कहा है कि गुप्ता पर लगे आरोपों पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लेकिन उनके खिलाफ किसी आरोप में दम लगा और अस्पताल प्रशासन को जरूरी लगा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि मंत्रालय ने इस मामले में एम्स से पूरी जानकारी मांगी है। साथ ही यह भी कहा कि अभी किसी नतीजे तक पहुंचना जल्दबाजी होगा। वहीं भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने इस मामले में कहा कि सुनंदा को न्याय मिलना चाहिए। कांग्रेस ने डॉ. गुप्ता के आरोपों पर संदेह जताया है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस मामले में संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है। एम्स के बयान को गंभीरता से लेना चाहिए। इसके बावजूद अगर कोई संदेह है तो जांच करवाई जा सकती है।

पारदर्शी तरीके से हो जांच: थरूर

पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने ताजा विवाद पर दुख जताते हुए सुनंदा मौत की जांच को पारदर्शी तरीके से जल्द पूरा करने को कहा है। थरूर ने एक बयान जारी कर कहा, 'मेरी पत्नी के दुखद निधन के तुरंत बाद से ही मैंने बार-बार अनुरोध किया है कि इस मामले की सघन जांच की जाए। साथ ही यह पूरी तरह पारदर्शी तरीके से और शीघ्रता से हो। पुष्कर परिवार की भी यही राय है और हम सब ने सभी एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग किया है।'

संदेहास्पद स्थिति में हुई इस मौत के मामले में सवाल के घेरे में रहे थरूर ने कहा है, 'मैं फिर अनुरोध करता हूं कि लंबी खिंच रही इस जांच को जल्द से जल्द नतीजे तक पहुंचाया जाए ताकि सभी अफवाहों को विराम दिया जा सके।'

थरूर को क्लीनचिट नहीं: पुलिस

दिल्ली पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी का कहना है कि सुनंदा मामले की वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में गठित एसआइटी जांच कर रही है। अभी शशि थरूर को क्लीनचिट नहीं दी गई है। जरूरत पड़ी तो पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से पुलिस फिर पूछताछ कर सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, डॉ. सुधीर गुप्ता के आरोप के बाद बुधवार को भीमसेन बस्सी को गृह मंत्रालय तलब किया गया। उनसे पूरे मामले की विस्तृत जानकारी ली गई।

पढ़ें: जहर की वजह से नहीं हुई थी सुनंद पुष्कर की मौत


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