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जन के खातों मे धन नहीं, डेढ़ लाख खाते बंद होने के कगार पर

प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत राष्ट्रीय व निजी सहित जिले के 27 बैंकों ने लक्ष्य से ज्यादा 3 लाख 82 हजार खाते बिना कोई शुल्क के खोल तो दिए अब लोग बैंक भी नहीं अा रहे हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 08 Apr 2016 03:49 AM (IST)Updated: Fri, 08 Apr 2016 04:38 AM (IST)

बलौदाबाजार (छत्तीसगढ़)। जनधन योजना अब दम तोडने लगी है। करीब 18 माह पहले शुरू की गई प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत राष्ट्रीय व निजी सहित जिले के 27 बैंकों ने लक्ष्य से ज्यादा 3 लाख 82 हजार खाते बिना कोई शुल्क के खोल तो दिए, लेकिन इनमें से डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने खाता खुलवाकर दोबारा बैंक की तरफ पटलकर नहीं देखा।

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इसका नतीजा यह हुआ कि जनधन में ग्राहकों के लेनदेन नहीं करने के कारण बेजान पड़े सीज होने के कगार पर पड़े हैं। शासन ने जिले के प्रत्येक नागरिक को खाताधारक बनाते हुए बैंकों से जोड़ने प्रधानमंत्री जनधन योजना शुरू की थी। अगस्त 2014 को शुरू हुई योजना मे शामिल कर राष्ट्रीयकृत व निजी समेत जिले के बैंकों को 2 लाख 64 हजार खाते खोलने का लक्ष्य दिया गया था।

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जिला मुख्यालय से लेकर अन्य शहरों व ग्रामीण अंचलों का टारगेट देते हुए अलग -अलग एरिया चिन्हित कर योजना को प्राथमिकता दी गई और किसी भी हाल में लक्ष्य को पूरा करने दबाव भी बनाया गया था। जोर लगाकर बैंकों ने किसी तरह लक्ष्य के अनुरूप बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी भी दी, लेकिन योजना के उद्देश्य के विपरीत लोगों को जोड़ने में शासन की यह योजना अंजाम तक पहुंचती दिखाई नहीं पड़ रही है।

बैंकों को दिए गए लक्ष्य के मुकाबले अब तक जनधन के 3 लाख 82 हजार खाता खुलवाएं जा चुके हैं, लेकिन खातों की संख्या के विपरित मात्र 2 लाख 18 हजार खाताधारक ही खातों मे थोड़ा बहुत लेनदेन कर रहे हैं। बाकि 42 प्रतिशत ऐसे खाताधारक हैं, जिन्होंने खाता खुलवाने के बाद से बैंको मे लेन देन ही शुरू नहीं किया है। इसकी वजह से खाते निष्क्र पड़े हैं।

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