कोसी के डूब क्षेत्र से निकाले 70 हजार लोग
नेपाल में भूस्खलन से बंद कोसी की सहायक नदी भोटे कोसी के रास्ते को खोलने के लिए सोमवार को एक भी ब्लास्ट नहीं किया गया। इससे बाढ़ की आशंका में दम बांधे बिहार के नौ जिलों को थोड़ी राहत मिली है। कोसी का जलस्तर स्थिर रहने के चलते फिलहाल अगले 24 घंटे तक बाढ़ के आसार नहीं हैं, लेकिन प्रशासन की पैनी नजर व चुस्त व्यवस्था बरकरार है। अब तक डूब क्षेत्र से 70 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है। सेना, एनडीआरएफ व अन्य बचाव दलों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रखा गया है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, पटना। नेपाल में भूस्खलन से बंद कोसी की सहायक नदी भोटे कोसी के रास्ते को खोलने के लिए सोमवार को एक भी ब्लास्ट नहीं किया गया। इससे बाढ़ की आशंका में दम बांधे बिहार के नौ जिलों को थोड़ी राहत मिली है। कोसी का जलस्तर स्थिर रहने के चलते फिलहाल अगले 24 घंटे तक बाढ़ के आसार नहीं हैं, लेकिन प्रशासन की पैनी नजर व चुस्त व्यवस्था बरकरार है। अब तक डूब क्षेत्र से 70 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है। सेना, एनडीआरएफ व अन्य बचाव दलों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रखा गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी ने बताया कि हमें केंद्र से सूचना मिली है कि नेपाल में भूस्खलन से बंद हुए नदी के बहाव को खोलने के लिए सोमवार को एक भी धमाका नहीं किया गया। नेपाल ने और धमाके न करने का आश्वासन दिया है। नेपाल के केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, बारिश थमने से भोटे कोसी नदी में प्रति घंटा तीन इंच जलस्तर घट रहा है।
पड़ोसी देश में घटनास्थल पर पहुंचे भारतीय दल ने क्षेत्र का हवाई दौरा किया। बताया जाता है कि भूस्खलन से कृत्रिम झील की प्रारंभिक गहराई 80 मीटर बताई जाती थी, जो 40 से 60 के बीच है। केंद्रीय सचिव अजीत सेठ की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति ने कोसी के डूब क्षेत्र में बाढ़ की समीक्षा की। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि फिलहाल खतरे जैसी कोई बात नहीं है। कोसी का जलस्तर स्थिर होने से लोगों व प्रशासन को राहत मिली है। हालांकि सुपौल, मधेपुरा व सहरसा पर विशेष नजर रखी जा रही है।
बचाव की पूरी तैयारी:
केंद्र सरकार बिहार में कोसी के कहर की स्थिति में हरसंभव मदद को तैयार है। बिहार के नौ जिलों में कोसी के डूब क्षेत्र से करीब ढाई लाख लोगों को निकाला जाना है। इस कार्य में एनडीआरएफ के 1500, सेना के 500 जवानों के अलावा राज्य आपदा राहत बल के 400 जवान लगे हैं। इसके अलावा तीनों सेनाओं को भी मुस्तैद रखा गया है। पूर्णिया जिले में सी-17 विमान से 20 डॉक्टर व मोबाइल अस्पताल भेजा गया है। चंडीगढ़, आगरा व गोरखपुर में भी एयरक्राफ्ट तैनात खड़े हैं।
नेपाल में सुपर हरक्युलिस से भेजा दल:
नई दिल्ली। भारत सरकार ने नेपाल में भूस्खलन के मलबे को हटाने में मदद के लिए सुपर हरक्युलिस परिवहन विमान से एक दल रविवार देर रात भेजा। इसमें भूवैज्ञानिक व आपदा प्रबंधन के विशेषज्ञ शामिल हैं, जो नेपाली सेना की मदद करेंगे।
घर छोड़ने को तैयार नहीं ग्रामीण:
डूब क्षेत्र से लोगों को निकाल रहे बचाव दल के सामने ग्रामीणों को घर छोड़ने के लिए मनाना खासा मुश्किल साबित हो रहा है। एनडीआरएफ कमांडेंट विजय सिन्हा ने बताया कि 25-30 गांवों के लोग अपने बच्चों व महिलाओं को हमारे साथ भेज दे रहे हैं, लेकिन खुद जानवरों के साथ घर पर रुक जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ की स्थिति में वे जानवरों की पूंछ पकड़कर निकल जाएंगे।
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