नीतीश ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, मांगी आर्थिक मदद
14वें वित्त आयोग की अनुशंसा से बिहार को होने वाली क्षति की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। तीन पन्नों के पत्र में नीतीश ने बिहार को होने वाले नुकसान की ओर मोदी का ध्यान आकृष्ट कराया और कहा कि संसाधनों में
पटना । 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा से बिहार को होने वाली क्षति की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। तीन पन्नों के पत्र में नीतीश ने बिहार को होने वाले नुकसान की ओर मोदी का ध्यान आकृष्ट कराया और कहा कि संसाधनों में संभावित कमी की भरपाई के लिए तत्काल विशेष व्यवस्था जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि बिहार पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक बीआरजीएफ के तहत राज्य को कुछ सहायता दी जा रही थी, जिसमें चालू वित्तीय वर्ष में बड़ी कटौती कर दी गई है। अगले साल से उसकी समाप्ति की आशंका भी उत्पन्न हो गई है। केंद्रीय करों से राज्यों को मिलने वाले हिस्से को 32 से बढ़ाकर 42 फीसदी किए जाने की प्रशंसा करते हुए नीतीश ने कहा है कि इससे बिहार को कोई खास फायदा नहीं होने वाला, क्योंकि राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय निधि में बिहार की हिस्सेदारी सिर्फ 9.66 फीसद होगी। यह लगातार घट रहा है। 11वें वित्त आयोग ने 11.59 फीसदी निर्धारित किया था, 12वें वित्त आयोग में 11.03 फीसदी रह गया और 13वें में यह घटकर 10.92 फीसदी रह गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ और सुखाड़ से बिहार पहले से ही प्रभावित राज्य रहा है। प्रति व्यक्ति आय और आधारभूत संरचना में भी दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार पिछड़ा हुआ है। यह प्रदेश अपने बजट का 25 फीसद ही अपने राजस्व से वहन कर पाता है। इसलिए बिहार को हर हाल में उसकी आबादी के अनुपात से ज्यादा राशि मिलनी चाहिए। नीतीश ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा बिहार जैसे पिछड़े राज्यों के विकास के लिए बाधक है।
इधर, शुक्रवार को दिल्ली से वापस आने के बाद नीतीश कुमार ने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से कहा कि उनकी केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात हुई और उन्हें पूरी स्थिति से अवगत करा दिया है।
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