Move to Jagran APP

प्रधानमंत्री कार्यालय ने नीति आयोग बनाया सबका 'मॉनिटर'

पीएमओ ने नीति आयोग को सबका मॉनिटर बनाया है जिसके जरिए सरकार ढांचागत और सामाजिक क्षेत्र की सभी योजनाओं के लक्ष्य तय करेगी।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 14 May 2016 01:11 AM (IST)Updated: Sat, 14 May 2016 01:23 AM (IST)
प्रधानमंत्री कार्यालय ने नीति आयोग बनाया सबका 'मॉनिटर'

हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। सरकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में देरी को दूर करने को सरकार ढांचागत और सामाजिक क्षेत्र की सभी योजनाओं के 'आउटकम टारगेट' (लक्ष्य) तय करने जा रही है। इतना ही नहीं ये टारगेट समय पर हासिल हों, इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने नीति आयोग को सबका 'मॉनिटर' बनाया है। आयोग हर महीने प्रत्येक योजना के क्रियान्वयन की निगरानी करेगा और उसकी रिपोर्ट पीएमओ को देगा।

loksabha election banner

सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने नीति आयोग से कहा है कि वह ढांचागत और सामाजिक क्षेत्र की सभी योजनाओं के वित्त वर्ष 2016-17 के टारगेट तय करे और 21 मई 2016 तक इन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय के पास जमा कर दे। पीएमओ ने नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत को यह जिम्मेदारी सौंपी।

सूत्रों ने कहा कि जो भी फैसले इन योजनाओं के संबंध में हो रहे हैं, नीति आयोग हर महीने उनके क्रियान्वयन की निगरानी करे। साथ ही जरूरत पडऩे पर कार्यक्रमों का मूल्यांकन भी करे।

आउटकम टारगेट तय करने की इस कवायद की खासियत यह है कि इससे सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब नहीं होगा। अगर किसी योजना को लागू करने में देर हो रही है तो यह बात सरकार में बैठे शीर्ष पदाधिकारियों के तत्काल संज्ञान में आ जाएगी। योजनाओं के टारगेट संबंधित मंत्रालयों के साथ परामर्श के आधार पर ही तय होंगे।

ये भी पढ़ें- आदित्य हत्याकांड : केजरीवाल ने की CBI जांच की मांग, कहा - बिहार में बढ़े अपराध

सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना जैसे ग्रामीण विकास से संबंधित कार्यक्रमों के लिए आयोग संबंधित मंत्रालय के साथ मिलकर पहले ही लक्ष्य तय कर चुका है। सूत्रों ने कहा कि ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं के लक्ष्यों के बारे में आयोग की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रजेंटेशन भी दिया जा चुका है।

उल्लेखनीय है कि कैबिनेट ने एक जनवरी 2015 को नीति आयोग के गठन के लिए जो प्रस्ताव मंजूर किया गया था उसमें आयोग के 13 उद्देश्य बताए गए हैं। इन उद्देश्यों में से एक यह भी है कि आयोग विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की निगरानी करेगा।

इस प्रस्ताव में कहा गया है कि आयोग का काम आवश्यक संसाधनों की पहचान करने सहित कार्यक्रमों और उपायों के कार्यान्वयन के सक्रिय मूल्यांकन और सक्रिय निगरानी करना है ताकि ताकि सेवाएं प्रदान करने में सफलता की संभावनाओं को प्रबल बनाया जा सके। इस तरह नीति आयोग के कार्यों में निगरानी का काम भी शामिल है। सूत्रों ने कहा कि यही वजह है कि आयोग को केंद्र की योजनाओं की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.