मालेगांव धमाका : सााध्वी प्रज्ञा की जमानत का NIA नहीं करेगी विरोध
मालेगांव विस्फोट के आरोपी प्रज्ञा ठाकुर की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। एनआइए ने उनकी जमानत का विरोध नहीं करने का फैसला किया है।
मुंबई। मालेगांव बम धमाके में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की जमानत अर्जी पर आज मुंबई सेशंस कोर्ट में सुनवाई हुई है। एनआईए ने चार्जशीट के मामले में जवाब दाखिल किया। एनआइए के वकील ने कहा कि वो साध्वी प्रज्ञा की जमानत का विरोध नहीं करेंगे।
प्रज्ञा ठाकुर की तरफ से पिछले महीने यानि 30 मई को अदालत में जमानत की अर्जी डाली गई थी। गौरतलब है कि मालेगांव धमाके के मामले में पूरा ‘यू-टर्न' लेते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ सभी आरोप हटा लिए हैं जिसके बाद उनके वकील की ओर से मुंबई सेशंस कोर्ट में जमानत की अर्जी दी गयी है।
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गौरतलब है कि साल 2008 के मालेगांव धमाके के मामले में पिछले हफ्ते राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ सभी आरोप हटा लिए जबकि लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित सहित सभी 10 अन्य आरोपियों के खिलाफ सख्त मकोका कानून के तहत लगाए गए आरोप भी हटा लिए गए। एनआईए ने दावा किया कि जांच के दौरान प्रज्ञा सिंह ठाकुर और पांच अन्य के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं पाए गए। एजेंसी ने कहा कि उसने आरोप-पत्र में कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज मुकदमा चलाने लायक नहीं है।
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धमाके में मारे गए थे 7 लोग
29 सितंबर 2008 को रमजान के दौरान मालेगांव में नमाज अदा कर निकल रहे लोगों के दोहरे बम धमाकों की चपेट में आ जाने से सात लोग मारे गए थे। मालेगांव धमाकों के मामले की छानबीन में कई उतार-चढ़ाव आते रहे हैं। इस धमाके के लिए हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े लोगों को जिम्मेदार माना जाता रहा है। इस मामले की शुरुआती जांच मुंबई एटीएस के संयुक्त आयुक्त हेमंत करकरे ने की थी। 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले में करकरे मारे गए थे।