NGT ने गंगा किनारे व्यावसायिक गतिविधियों पर उत्तराखंड सरकार से मांगा जवाब
एनजीटी ने उत्तराखंड सरकार को गंगा किनारे चलाई जा रही व्यावसायिक गतिविधियों पर जवाब मांगा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने उत्तराखंड सरकार को गंगा किनारे कौडियाला से लेकर ऋषिकेश तक चलाई जा रही व्यावसायिक गतिविधियों को लेकर चेतावनी दी है। उसने कहा कि अगर सरकार इन पर नियंत्रण नहीं करती तो इसके स्पष्टीकरण के लिए राज्य के मुख्य सचिव को प्राधिकरण के सामने उपस्थित होना पड़ेगा।
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प्राधिकरण के अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार की पीठ ने इस मामले में राज्य का नेतृत्व करने वाली परिषद से कहा कि नदी किनारे व्यावसायिक गतिविधियों केचलते लोगों को परेशानी का समाना करना पड़ रहा है। पीठ ने सरकार से कहा, 'लोग परेशानी झेल रहे है जबकि सरकार सिर्फ यह प्रोपेगेंडा कर रही है कि एनजीटी ने इसे रोक दिया। सरकार यह बताए कि वह क्या कर रही है। पीठ ने पूछा कि क्या सरकार राजस्व को लेकर गंभीर नहीं है? उसने परिषद को निर्देश दिया कि वह नदी किनारे चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में तैयार की गई नीति की पूरी जानकारी प्राधिकरण को दे। मामले की अगली सुनवाई दस को होगी।
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प्राधिकरण ने पिछले साल दस दिसंबर को गंगा किनारे व्यावसायिक गतिविधियों पर तब तक के लिए रोक लगा दी थी, जब तक कि इस बारे में राज्य सरकार नियंत्रण की कोई व्यवस्था लागू नहीं करती। मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान पेश वकील ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से अभी तक इस बारे में दिशा निर्देश लागू नहीं किए गए हैं। गौरतलब है कि सोशल एक्शन फॉर फॉरेस्ट एंड एनवायरनमेंट नामक गैर सरकारी संगठन ने ऋषिकेश और गंगा किनारे अन्य स्थानों पर व्यावसायिक गतिविधियों के खिलाफ एनजीटी में मुकदमा दर्ज कराया है।