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प्रदूषण पर एनजीटी ने दिल्ली सरकार को फटकारा

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली राजधानी में 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर रोक लगने में नाकाम रहने पर

By Edited By: Published: Tue, 03 May 2016 01:02 AM (IST)Updated: Tue, 03 May 2016 01:02 AM (IST)

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली

राजधानी में 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर रोक लगने में नाकाम रहने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार से नाराजगी जाहिर की है। एनजीटी के चेयरमैन स्वतंत्र कुमार के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि सरकार ऑड-इवेन फॉर्मूला को लागू करने में तो काफी सक्रिय दिखती है। लेकिन 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के परिचालन पर लगाम लगाने में फेल हो जाती है।

पीठ ने सरकार के अधिवक्ता से कई सवाल करते हुए कहा कि आपकी पुलिस 15 साल पुराने वाहनों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करती। आप क्यों नहीं ऐसे वाहन चालकों के चालान करते हैं। आप क्यों नहीं ट्रिब्यूनल द्वारा दिए गए इस ऑर्डर को आगे बढ़ाते हैं। आप ऑड-इवेन फॉर्मूला लागू करें या अन्य जो भी आप करना चाहते हैं करें। लेकिन आप अन्य ऑर्डरों को भी उसी भाव से क्यों नहीं लेते।

इसके अलावा एनजीटी ने दिल्ली सरकार को राजधानी में कूड़ा जलाने व धुएं से होने वाले प्रदूषण पर भी फटकार लगाई। पीठ ने स्पष्ट कहा कि हम आपको यहां मिथेन व कार्बन जैसी हानिकारक गैस उत्पन्न करने की इजाजत नहीं दे सकते। इसी तरह धुएं व नगर निगम के ठोस कचरा जलाने से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने में सक्रियता क्यों नहीं दिखाते। आप बिल्डरों को इन नियमों का उल्लंघन करने पर नियंत्रण क्यों नहीं करते।

लैंडफिल साइट पर कूड़े के ढेर जलाए जा रहे हैं। ये ऐसे लगते हैं मानों कूड़े के पहाड़ जल रहें हों। इसी के साथ एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को स्पष्ट निर्देश किया की वह ऑड-इवेन योजना के दूसरे चरण में वायु की गुणवत्ता पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर दें। बोर्ड इस बात का विश्लेषण कर बताए की योजना लागू होने से पहले व बाद में वायु गुणवत्ता कितनी थी। इससे पूर्व एनजीटी ने ऑड-इवेन की तर्ज पर दिल्ली सरकार को वाहनों से होने वाले प्रदूषण, कूड़ा जलाने से होने वाले प्रदूषण आदि के बारे में भी विज्ञापन देने को कहा था।


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