कैग पर मीडिया नहीं समझ सका भाव: जेटली
संप्रग सरकार की साख पर सबसे ज्यादा चोट पहुंचाने वाले नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) को सनसनी न फैलाने की मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। संप्रग सरकार की साख पर सबसे ज्यादा चोट पहुंचाने वाले नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) को सनसनी न फैलाने की मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली की नसीहत पर सियासत सरगर्म हो गई है।कांग्रेस ने जेटली के बयान पर तीखा प्रहार किया तो जेटली ने तत्काल स्पष्ट कर दिया कि मीडिया खबरों में उनके भाषण का सटीक भाव प्रदर्शित नहीं किया गया है।
वित्त मंत्री ने बुधवार को महालेखाकारों के सालाना सम्मेलन में कहा था, 'लेखा परीक्षक को यह ध्यान में रखना चाहिए कि वह एक निर्णय की समीक्षा कर रहा है जो लिया जा चुका है। उसे देखना है कि क्या उस निर्णय में उचित प्रक्रिया अपनाई गई? उसे इसे सनसनीखेज बनाने की जरूरत नहीं है। उसके जरिये समाचारों की सुर्खियों में आने की जरूरत नहीं है।'
जेटली के इस बयान की तीखी निंदा करते हुए कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने कहा, 'कैग' को दिशा-निर्देश देने की कोशिश वे लोग कर रहे हैं जो ऐसी ही रिपोर्ट को लेकर सदन को बाधित करने व राजनीतिक लाभ लेने के लिए हर हथकंडे आजमा चुके हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के दौरान जब कैग की 2जी स्पेक्ट्रम और कोयला आवंटन संबंधी रिपोर्ट आई थीं, जिनमें विशाल राजस्व हानि का आकलन लगाया गया था, तत्कालीन वित्त मंत्रियों प्रणब मुखर्जी और पी चिदंबरम के अलावा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक ने कैग को सनसनी न फैलाने की हिदायतें दी थीं। जिसका भाजपा ने कड़ा प्रतिवाद किया था।
कांग्रेस के बयान पर जेटली ने तत्काल पलटवार किया। वित्त मंत्री ने अपने फेसबुक पेज पर उनके भाषण को सही भाव में न प्रदर्शित किए जाने की बात के साथ ही एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें कैग सम्मेलन में उनके भाषण की रिकार्डिंग है।