भारत-अमेरिका रणनीतिक सहयोग का नया दौर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा की पहली शिखर वार्ता के बाद दोनों मुल्कों ने साझेदारी और संभावनाओं का नया 'संविधान' जारी किया है, जिसका दायरा नाभिकीय ऊर्जा से लेकर नारी शक्ति तक फैला हुआ है। रणनीतिक साझेदारी के नए दौर की नींव रखते हुए दोनों देशों ने आपसी व्यापार को 500 अरब डॉलर तक ले
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा की पहली शिखर वार्ता के बाद दोनों मुल्कों ने साझेदारी और संभावनाओं का नया 'संविधान' जारी किया है, जिसका दायरा नाभिकीय ऊर्जा से लेकर नारी शक्ति तक फैला हुआ है। रणनीतिक साझेदारी के नए दौर की नींव रखते हुए दोनों देशों ने आपसी व्यापार को 500 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए नाभिकीय ऊर्जा साझेदारी जैसी पुरानी योजनाओं की रफ्तार बढ़ाने के साथ ही नई परियोजनाओं का भी खाका तैयार किया गया है।
मोदी-ओबामा मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान भारत की विकास योजनाओं में अमेरिकी हिस्सेदारी के साथ ही बराबरी के सहयोग पर भी जोर देता है। दोनों देशों ने अपने रक्षा सहयोग को दस सालों के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। साझा बयान में कहा गया है कि दोनों देश रक्षा क्षेत्र में तकनीक, व्यापार, शोध, उत्पादन और विकास के क्षेत्र में एक-दूसरे को बराबर का साझेदार मानेंगे। भारत में रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने के बाद अमेरिका इसमें हिस्सेदारी को अधिक उत्साहित है।
बीते काफी समय से अटके नाभिकीय सहयोग को भी मोदी के इस दौरे से रफ्तार मिली है। इसके लिए दोनों देशों ने एक संपर्क समूह बनाया है, जो भारत में अमेरिकी नाभिकीय रिएक्टरों की अड़चनों को दूर करेगा। अमेरिका के लिए संतोष की बात है कि जिस नाभिकीय उत्तरदायित्व कानून को लेकर उसकी शिकायतें हैं उस बारे में भी भारत चर्चा को राजी है। दोनों देशों ने ऊर्जा क्षेत्र में भी नए रणनीतिक सहयोग शुरूकरने का फैसला किया है। इसमें गैर-पारंपरिक ऊर्जा के अलावा जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दे भी शामिल हैं।
अमेरिका ने मोदी की स्मार्ट सिटी परियोजना में हिस्सेदारी पर दिलचस्पी दिखाई है। अजमेर और इलाहाबाद जैसे शहरों को स्मार्ट शहर बनाने के लिए मदद को अमेरिका राजी हो गया है। अमेरिका ने दुनिया की बेहतरीन शिक्षा सुविधाओं को इंटरनेट के जरिए दूर-दराज इलाकों तक पहुंचाने की भारत की महत्वाकांक्षी योजना ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडेमिक नेटवर्क (ज्ञान) में सहयोग पर भी उत्साह दिखाया है। साथ ही भारत में नए आइआइटी की स्थापना के लिए सहयोग का भरोसा जताया है।
दोनों देशों ने महिला सशक्तीकरण के मुद्दे पर आपसी सहयोग और तीसरे देश में मिलकर काम करने पर भी साझेदारी का संकल्प लिया है। भारतीय महिलाओं के बीच उद्यमिता विकास पर भी अमेरिका ने व्यापक सहयोग का आश्वासन दिया है। इस कड़ी में अमेरिका का रोलिंस कॉलेज और टपरवेयर ब्रांड एक भारतीय महिला प्राध्यापक को उद्यमिता विकास पर खास प्रशिक्षण भी देंगे। इसके अलावा विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं को आगे लाने के लिए भी नवंबर में एक खास कार्यशाला का आयोजन होगा। अफगान महिलाओं के बीच आत्मनिर्भरता और उद्यमिता विकास के लिए भी भारत और अमेरिका मिलकर काम कर रहे हैं।