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परेशानी का सबब बनी दोहरी नागरिकता

भारत-नेपाल के बीच सदियों से पुराने रोटी-बेटी के रिश्ते की आड़ में हित साधने वालों की अब खैर नहीं है। नेपाल सरकार द्वारा ऐसे लोगों की कुंडली तैयार की जा रही है जिन्होंने भारत और नेपाल की दोहरी नागरिकता ले रखी है।

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Sun, 02 Nov 2014 06:12 PM (IST)Updated: Sun, 02 Nov 2014 06:48 PM (IST)

महराजगंज [विश्वदीपक त्रिपाठी]। भारत-नेपाल के बीच सदियों से पुराने रोटी-बेटी के रिश्ते की आड़ में हित साधने वालों की अब खैर नहीं है। नेपाल सरकार द्वारा ऐसे लोगों की कुंडली तैयार की जा रही है जिन्होंने भारत और नेपाल की दोहरी नागरिकता ले रखी है। नेपाल सरकार ने अपने यहां रह रहे 70 लोगों के बारे में भारत के केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेज कर जानकारी मांगी है।

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भारत-नेपाल के बीच खुली सीमा के चलते सामाजिक और व्यापारिक संबंध वर्षो से कायम हैं। इसका लाभ लेकर सीमावर्ती महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच आदि जिलों के बड़ी संख्या में लोगों ने नेपाल की भी नागरिकता ले ली है।

यही हाल नेपाली क्षेत्र के नवलपरासी, रुपन्देही व कपिलवस्तु जिलों में रह रहे नेपाली मूल के लोगों का भी है। वहां के अनेक लोग भारत में भी जमीन जायदाद खरीदकर यहां की नागरिकता हासिल कर चुके हैं।

अब स्थिति यह है कि दोहरी नागरिकता वाले लोग दोनों देशों में वोट देने के साथ ही अन्य लाभ ले रहे हैं। इसी को रोकने के लिए नेपाल सरकार अभियान चलाकर दोहरी नागरिकता वाले लोगों को चिह्नित कर रही है। फिलहाल 70 लोग नेपाली सुरक्षा एजेंसी के रडार पर हैं, जिनके बारे में भारतीय गृह मंत्रालय से जानकारी मांगी गई है।

चुनाव को भी करते हैं प्रभावित

सीमावर्ती जिलों में रह रहे दोहरी नागरिकता वाले दोनों देशों के तकरीबन 50 हजार लोग दोनों देशों में होने वाले छोटे-बड़े चुनाव को भी प्रभावित करते हैं। खुली सीमा के चलते इस कार्य में उन्हें बहुत मुश्किल भी नहीं होती है। हाल में ही संपन्न हुए नेपाल के संविधान सभा चुनाव व भारत के लोक सभा चुनाव में भी इनमें से अधिकतर ने वोट डाले।

तीन जिले सबसे अधिक प्रभावित

नेपाल का रुपन्देही, नवलपरासी व कपिलवस्तु जिले में दोहरी नागरिकता वाले लोगों की भरमार है। यही हाल भारत के सोनौली, नौतनवा, ठूठीबारी, बरगदवा, निचलौल आदि कस्बों का भी है। अकेले नौतनवा के पहाड़ी मुहल्ला में बड़ी संख्या में नेपाली मूल के लोग रहते हैं।

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''दोहरी नागरिकता वाले लोगों की जांच के लिए टीम बनाई गई है। उनकी सूची तैयार की जा रही है। ऐसे कुछ लोग चिह्नित भी किए गए हैं। इस बाबत भारत सरकार से सहयोग लेकर ऐसे लोगों के बारे में जानकारी एकत्रित की जा रही है।'' -बालकृष्ण पंथी, सीडीओ, रुपन्देही (नेपाल)

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''भारत व नेपाल दोनों देशों की नागरिकता लिए लोगों की जांच कराने का निर्देश दिया गया है। जहां तक दोनों देशों की मतदाता सूची में नाम होने की बात है तो यह भी जांच के दायरे में हैं। यदि जांच में ऐसे लोग पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ प्रावधानों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। ''-सुनील कुमार श्रीवास्तव, डीएम, महराजगंज

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