हनीमून पर नहीं जाएंगे एनडी-उज्ज्वला
उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी ने करीब
लखनऊ, जाब्यू। उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी ने करीब 89 वर्ष की उम्र में 70 वर्षीया उज्ज्वला शर्मा से शादी रचा ली। बुधवार रात गुपचुप तरीके से यह शादी रचाने के बाद उज्ज्वला शर्मा व कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता तिवारी ने आज अपने नए रिश्ते का मीडिया के समक्ष इजहार किया। दोनों ने नई पारी की शुरुआत के लिए शुभकामनाओं की अपेक्षा के साथ खुशी जाहिर की।
इस अवसर पर हनीमून पर जाने संबंधी सवाल का उज्ज्वला ने सहजता से जवाब दिया कि इस समय राजनीतिक माहौल है और पूरे देश में नई सरकार की आहट को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ी है, ऐसे में तिवारी जी कहीं और जाना पसंद नहीं करेंगे। यही सवाल जब तिवारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अब आप सबको छोड़कर मैं कहां जाऊंगा। बाद में वह लोग नैनीताल जाएंगे।
एनडी ने उज्ज्वला को भी बतौर पत्नी स्वीकार कर लिया :
पितृत्व विवाद में उज्ज्वला के पुत्र रोहित शेखर को अपना बेटा मान चुके एनडी ने उज्ज्वला को भी बतौर पत्नी स्वीकार कर लिया। एक, माल एवेन्यू स्थित अपने आवास आरोही में शादी के बाद पत्रकारों के सामने आए एनडी तिवारी ने कहा, मेरी विद्वान पत्नी डा. उज्ज्वला और मैं आप सबसे सामूहिक आशीर्वाद चाहते हैं। गुपचुप तरीके से शादी रचाने के सवाल पर तिवारी ने पत्नी की ओर देखते हुए कहा कि इन लोगों को क्यों नहीं बुलाया गया तो उज्ज्वला ने कहा कि सब कुछ जल्दी में हो गया। पिछले लंबे समय से लिव-इन-रिलेशन में रह रहे एनडी और उज्ज्वला ने कल बुद्ध पूर्णिमा के दिन अचानक शादी का फैसला किया। कुछ करीबी रिश्तेदारों और स्टाफ की मौजूदगी में हुई शादी में उज्ज्वला के भाई डा. तरुण कुमार व भाभी डा. रेखा ने कन्यादान किया। पहाड़ी रीति रिवाज से शादी संपन्न हुई जिसमें तिवारी के बड़े भाई की भूमिका निभाने के लिए उनसे बड़ा कोई नहीं मिला, लेकिन उनके ओएसडी अरुण शुक्ला सहबाला बने। कन्या पक्ष की तरफ से भी दुल्हन को आभूषण व साड़ियां दी गई, जबकि एनडी तिवारी ने उन्हें मंगलसूत्र और अन्य जेवरात दिए गए।
खासतौर से पर्वतीय इलाकों में शादी के समय प्रयोग होने वाला पिछौड़ा पहनाकर शादी कराई गई। एनडी तिवारी शेरवानी पहनकर सेहरा बांधे दूल्हे के रूप में उज्ज्वला को फूलों का हार पहनाए तो गहनों से सजी मेहंदी रचे हाथों से उज्ज्वला ने भी उनके गले में हार डाल दिया। वैदिक मंत्रों के बीच पार्क रोड के हनुमान आश्रम के पंडित प्रेम नारायण शुक्ल ने नव दंपती को सात वचन निभाने का संकल्प दिलाया।
शादी को चुना बुद्ध पूर्णिमा का दिन :
उज्ज्वला बताती हैं कि एनडी ने ही शादी के लिए बुद्ध पूर्णिमा का दिन चुना। पुरोहित से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि शाम को सात बजे से दस बजे का मुहूर्त अच्छा रहेगा। चूंकि तिवारी जी के मन में शादी का विचार पहले से चल रहा था और वह सार्वजनिक रूप से हमें मान्यता देना चाहते थे, इसलिए शादी तय की गई। तिवारी की पहली पत्नी डा. सुशीला तिवारी का निधन 1993 में हो गया था। उनकी पुण्यतिथि से पहले ही तिवारी ने यह शादी रचाई।
गंधर्व विवाह तो पहले ही हो गया था :
अब तक आप आरोही में अतिथि की तरह रहीं, लेकिन अब विवाह होने के सवाल पर उज्जवला ने कहा कि मैं कभी अतिथि की तरह नहीं रही। गंधर्व विवाह तो पहले ही हो गया था। हां मुझे पहली बार ऐसा लग रहा है कि अपने घर में हूं और सुरक्षित हूं। उज्जवला ने बताया कि शादी की बात तय होने पर यहां पार्लर से लड़कियां और आई और जब मुझे मेहंदी सजा रही थीं तो मेरा मन बहुत भावुक हो गया था।
रोहित को लेकर कोई नई योजना नहीं :
एनडी-उज्जवला अपने पुत्र रोहित शेखर को लेकर कोई नई योजना नहीं बना रहे हैं। दोनों ने कहा कि फिलहाल तो बेटे के भविष्य को लेकर अभी कोई खास प्लान नहीं है।
प्रापर्टी से नहीं तिवारी से हृदय का संबंध :
क्या यह सब कुछ एनडी की प्रापर्टी के लिए हो रहा है? यह सवाल उज्जवला को चुभ गया। उन्होंने कहा कि तो लोग तिवारी जी के प्रभाव का लाभ उठा रहे थे, वही ऐसी अफवाहें उड़ा रहे हैं। हमारा तिवारी जी की प्रापर्टी से नहीं, उनसे हृदय का संबंध है। तिवारी जी शतायु हों।
शादी में नहीं आए एनडी के परिवार के सदस्य :
एनडी की शादी में उनके परिवार के लोग शामिल नहीं हुए। एनडी के भाई प्रोफेसर रमेश तिवारी इस बारे में कहते हैं कि यह उनकी मर्जी है।
भोज भी देंगे :
एनडी व उज्जवला की शादी को कानूनी रूप देने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसकी जिम्मेदारी तिवारी के ओएसडी अरुण शुक्ल संभाल रहे हैं और शादी के समय से ही उमाकांत समेत कई अधिवक्ताओं का पैनल इस कार्य में जुट गया है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद तिवारी के समर्थकों, राजनीतिक संबंधियों और शुभचिंतकों तथा रिश्तेदारों को भोज दिया जाएगा।