नवीन जिंदल की मुश्किलें और बढ़ीं
कोयला घोटाले में कांग्रेस नेता नवीन जिंदल पर सीबीआइ का शिकंजा कसता ही जा रहा है। इस मामले में उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शीर्ष जांच एजेंसी ने कोयला खदान आवंटन घोटाले में नवीन जिंदल की कंपनी जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के खिलाफ नई एफआइआर दर्ज की है।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। कोयला घोटाले में कांग्रेस नेता नवीन जिंदल पर सीबीआइ का शिकंजा कसता ही जा रहा है। इस मामले में उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शीर्ष जांच एजेंसी ने कोयला खदान आवंटन घोटाले में नवीन जिंदल की कंपनी जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के खिलाफ नई एफआइआर दर्ज की है। इससे पहले भी सीबीआइ पिछले साल जेएसपीएल के खिलाफ एक एफआइआर दर्ज कर चुकी है।
जिंदल स्टील के खिलाफ दर्ज केस कोयला घोटाले में सीबीआइ की ओर से दर्ज 36वीं एफआइआर है। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जेएसपीएल को छत्तीसगढ़ में गारे पाल्मा चतुर्थ (एक) कोयला ब्लॉक आवंटित हुआ था।
प्रारंभिक जांच के दौरान पाया गया कि जिंदल की कंपनी जेएसपीएल आवंटित क्षेत्र से बाहर चोरी-छिपे कोयला निकाल का काम कर रही थी और उसे मुनाफे में बेच रही थी। इसके साथ ही कंपनी को आवंटन की शर्तो के उल्लंघन करने का दोषी भी पाया गया है। एफआइआर में जेएसपीएल के साथ-साथ अज्ञात सरकारी अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है। कंपनी को यह कोयला ब्लाक 1993 से 2005 के बीच आवंटित किया गया था। सीबीआइ इस दौरान हुए कोयला ब्लाकों के आवंटन की प्रारंभिक जांच कर रही है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में सबूत मिलने के बाद सीबीआइ ने नई एफआइआर दर्ज करने का फैसला किया। एफआइआर दर्ज करने के बाद सीबीआइ ने जेएसपीएल के रायगढ़ स्थित चार ठिकानों पर छापा मारा और घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज बरामद होने का दावा किया है।
ध्यान देने की बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही 1993 से आवंटित हुए सभी कोयला ब्लाकों का आवंटन रद कर चुका है। लेकिन सीबीआइ ने साफ कर दिया है कि आवंटन रद होने के बावजूद आपराधिक साजिश और कानून के उल्लंघन के मामले में कंपनियों और उसके अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। जबकि जेएसपीएल के प्रवक्ता का कहना है, 'कंपनी का पूरा कामकाज नियमों के अनुसार है। हम जांच में अधिकारियों को पूरा सहयोग करेंगे।
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