नरोडा दंगा: मोदी से दो-दो हाथ करने को वीएचपी तैयार
गुजरात में मुख्यमंत्री के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद खुलकर सामने आ गई है। गुजरात में विश्व हिंदू परिषद मोदी सरकार के उस फैसले के खिलाफ खड़ी हो गई है जिसमें 2002 में हुए नरोडा पाटिया नरसंहार मामले में पूर्व राज्य मंत्री माया कोडनानी समेत 10 लोगों के लिए फांसी की सजा मांगी जाएगी। गुजरात वीएचपी के महासचिव रणछोड़ भरवाड़ ने
नई दिल्ली। गुजरात में मुख्यमंत्री के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद खुलकर सामने आ गई है। गुजरात में विश्व हिंदू परिषद मोदी सरकार के उस फैसले के खिलाफ खड़ी हो गई है जिसमें 2002 में हुए नरोडा पाटिया नरसंहार मामले में पूर्व राज्य मंत्री माया कोडनानी समेत 10 लोगों के लिए फांसी की सजा मांगी जाएगी। गुजरात वीएचपी के महासचिव रणछोड़ भरवाड़ ने कहा कि गुजरात वीएचपी सरकार के उस कथित फैसले की कड़ी निंदा करती है जिसमें नरोडा मामले में माया कोडनानी, बाबू बजरंगी और अन्य हिंदुओं को सजा-ए-मौत देने के लिए कहा जाएगा।
आपको बता दें कि गुजरात सरकार ने नरोडा पाटिया दंगा मामले में ताउम्र कैद की सजा काट रहीं राज्य सरकार की पूर्व महिला व बाल कल्याण मंत्री डॉ. मायाबेन कोडनानी, विहिप नेता बाबू बजरंगी समेत दस कैदियों की सजा बढ़ाकर फांसी दिलाने की एसआइटी की अर्जी स्वीकार करते हुए जांच टीम को हाई कोर्ट में अपील की मंजूरी भी दे दी है। जांच टीम सबूतों के अभाव में निर्दोष छूटे सात आरोपियों के खिलाफ भी अदालत में अपील करेगी।
गोधरा कांड के बाद 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद के नरोडा पाटिया में दंगाइयों ने 96 लोगों की हत्या कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बने विशेष जांच दल [एसआइटी] ने इस मामले में गुजरात भाजपा की विधायक कोडनानी व विहिप नेता बाबू बजरंगी को हत्याकांड का मुख्य सूत्रधार बताया था। विशेष जज ज्योत्सना याग्निक ने 31 अगस्त, 2012 को कोडनानी, बाबू बजरंगी, नरेश छारा समेत दस को ताउम्र कैद की सजा सुनाई थी, जबकि 22 को 24-24 साल कैद का आदेश दिया था।
एसआइटी ने गुजरात सरकार से कोडनानी समेत सभी दस आरोपियों को फांसी की सजा के लिए हाई कोर्ट में अपील करने की स्वीकृति मांगी थी। करीब दो माह तक कानूनी विशेषज्ञों व राज्य के महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी से परामर्श के बाद गृह मंत्रालय ने एसआइटी को मंजूरी दे दी है।
गुजरात दंगों के दौरान नरोडा की तत्कालीन विधायक कोडनानी दंगाइयों के साथ लगातार संपर्क में थीं। प्रत्यक्षदर्शियों ने अदालत में दिए बयान में बताया था कि मायाबेन ने ही दंगाइयों को अपनी कार से तलवार व अन्य घातक हथियार बांटे थे। गवाहों व कोडनानी के कॉल डिटेल के आधार पर एसआइटी ने मायाबेन को मुख्य सूत्रधार बताते हुए फांसी की मांग की थी। अगस्त 2012 को अदालत के आदेश के बाद से मायाबेन अन्य दोषियों के साथ साबरमती जेल में हैं।
जज बदलने की भी थी मांग
मायाबेन व बाबू बजरंगी नरोडा गाम दंगा मामले में भी आरोपी हैं। पिछले साल दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले से विशेष जज ज्योत्सना याग्निक को हटाने की गुहार लगाई थी, लेकिन अदालत ने उसे ठुकरा दिया था। आरोपियों का कहना था कि नरोडा पाटिया में न्यायाधीश ज्योत्सना याग्निक ने ही उन्हें सजा सुनाई है। इसलिए इस मामले में वह पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर सजा सुना सकती हैं।
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