भाजपा में है मतभेद! आडवाणी के बाद अब जसवंत भी नाराज?
लोकसभा चुनाव के लिए टिकट के बंटवारे के बाद भाजपा में मतभेद खुलकर सामने आने लगा है। लालकृष्ण आडवाणी के बाद अब जसवंत सिंह भी टिकट के बंटवारे से नाराज हैं। सूत्रों की मानें तो भाजपा के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने बाड़मेर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। लेकिन राज्य की मुख्यमंत्री उनके यहां से चुनाव लड़ने के खिलाफ हैं। मौजूदा समय में वह दार्जलिंग से सांसद हैं।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए टिकट के बंटवारे के बाद भाजपा में मतभेद खुलकर सामने आने लगा है। लालकृष्ण आडवाणी के बाद अब जसवंत सिंह भी टिकट के बंटवारे से नाराज हैं। सूत्रों की मानें तो भाजपा के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने बाड़मेर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। लेकिन राज्य की मुख्यमंत्री उनके यहां से चुनाव लड़ने के खिलाफ हैं। मौजूदा समय में वह दार्जलिंग से सांसद हैं। पिछले चुनाव में बाड़मेर से जसवंत के बेटे मानवेंद्र सिंह ने अपना भाग्य आजमाया था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। यही नहीं, जसवंत सिंह ने पार्टी को अल्टीमेटम भी दे दिया है कि अगर उन्हें बाड़मेर से टिकट नहीं दिया गया तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। उधर, पार्टी ने भाजपा में किसी तरह के मतभेद का खंडन किया है।
इससे पहले गुजरात के गांधीनगर सीट से चुनाव नहीं लड़ने की बात पर अड़े लालकृष्ण आडवाणी को मनाने नरेंद्र मोदी भी गुरुवार सुबह उनके घर पहुंचे। उनसे पहले बुधवार रात सुषमा स्वराज और नितिन गडकरी भी आडवाणी को मनाने उनके घर गए थे लेकिन बताया गया है कि आडवाणी अपनी बात पर कायम हैं। गौरतलब है कि आडवाणी मध्यप्रदेश के भोपाल सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उनके समर्थकों को आशंका है कि गांधीनगर में आडवाणी को भितरघात का सामना करना पड़ सकता है।
भाजपा चुनाव समिति के इस फैसले के बाद कि आडवाणी गांधीनगर से ही चुनाव लड़ेंगे, मोदी संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी मिलने गए थे। चुनाव से पहले आडवाणी जैसे बड़े नेता की नाराजगी पार्टी के लिए अच्छा नहीं है। इससे पूरे देश में गलत संदेश जा रहा है। अब देखना यह है कि मोदी आडवाणी को मना पाते हैं या नहीं। फिलहाल आडवाणी के साथ मोदी की मुलाकात खत्म हो गई है।