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केंद्र पर शशि थरूर ने साधा निशाना, कहा- सरकार का रवैया तानाशाही है

नोटबंदी, जीएसटी, बीफ बैन, सेंशरशिप आदि का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस सांसद ने केंद्र सरकार को तानाशाह बताते हुए जोरदार हमला किया।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 17 Nov 2017 04:16 PM (IST)Updated: Fri, 17 Nov 2017 04:30 PM (IST)
केंद्र पर शशि थरूर ने साधा निशाना, कहा- सरकार का रवैया तानाशाही है
केंद्र पर शशि थरूर ने साधा निशाना, कहा- सरकार का रवैया तानाशाही है

मुंबई (प्रेट्र)। नोटबंदी और जीएसटी को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। सांसद ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता को उनके बैंक अकाउंट से धनराशि निकालने में अवरोधक बनना तानाशाही रवैया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री गुरुवार शाम को एक इवेंट में बोल रहे थे। इस क्रम में उन्‍होंने जीएसटी का भी मुद्दा उठाया और भाजपा नीत सरकार की निंदा की। हालांकि उन्‍होंने कहा कि ‘वन नेशन वन टैक्‍स’ का आइडिया काफी अच्‍छा था।

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चरम पर तानाशाही

नोटबंदी एक अभ्‍यास था जिसके जरिए लोगों को बताया गया कि वे कौन सा नोट अपने पास ले सकते हैं...सरकार हमें बता रही है कि आप अपने अकाउंट में रखे पैसे को नहीं ले सकते। सांसद के अनुसार, यह तानाशाही का चरम था। टाटा लिट्रेचर लाइव के आठवें एडिशन के दौरान वे वीर सांघवी की अध्‍यक्षता में एक डिबेट ‘वी आर लिविंग इन ए नैनी स्‍टेट’ में हिस्‍सा ले रहे थे। इसमें जेएनयू प्रोफेसर मकरंद परांजपे, वरिष्‍ठ पत्रकार चंदन मित्रा और उद्योगपति सुनील अलघ भी मौजूद थे।

वन टैक्‍स वन नेशन का आइडिया अच्‍छा लेकिन...

थरूर ने कहा, ‘जीएसटी का उद्देश्‍य काफी अच्‍छा था। वन नेशन वन टैक्‍स का आइडिया काफी अच्‍छा है लेकिन इसके लिए इस सरकार ने आम लोगों के लिए क्‍या किया? उन्‍होंने आगे कहा, वन नेशन वन टैक्‍स की जगह हम 6 स्‍लैब के तहत तीन टैक्‍स दे रहे हैं और एक साल में 37 फॉर्म भरे जाने हैं। आपके देश में तानाशाही हावी हो रही है। उन्‍होंने बीफ बैन की भी आलोचना की और कहा कि इससे केवल महाराष्‍ट्र में लाखों लोगों की जीविका बर्बाद हो गयी है।

बीफ बैन भी तानाशाही रवैया

बीफ बैन वाकई में तानाशाही  वाले देश का रवैया दिखाता है। सरकार यह निर्णय लेने की कोशिश कर रही है कि लोगों के मुंह में जाने वाला निवाला क्‍या होगा? यहां तक कि उनके घर में क्‍या रखा जाएगा? उन्‍होंने 20 से 28 नवंबर तक गोवा में आयोजित इंटरनेशनल फिल्‍म फेस्‍टिवल से एस दुर्गा (मलयालम) और न्‍यूड (मराठी) को हटाने पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय पर हुए विवाद का भी हवाला दिया।

सेंशरशिप भी तानाशाही का उदाहरण

सेंशरशिप एक दूसरा उदाहरण है। आपके पास सेंशरबोर्ड है जिसने उड़ता पंजाब में 72 कट की मांग की, अमर्त्‍य सेन के डॉक्‍यूमेंट्री में से हिंदू व गाय शब्‍द को हटाने की मांग की गयी। यदि यह तानाशाही नहीं है तो क्‍या है?

उन्‍होंने कहा, ‘इस नैनी की तरह ही देश में बेबीसिटिंग करना चाह रहे हैं, वे जानते हैं कि देश के लिए क्‍या अच्‍छा होगा और क्‍या बुरा। मेरा मानना है कि सरकार का काम प्रशासन देखना है न कि रसोई, बेडरूम या लोगों की व्‍यक्‍तिगत जिंदगी में झांकना। हमें सरकार की इस गतिविधि के विरुद्ध आवाज उठानी होगी।‘

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