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मुजफ्फरनगर: मुस्लिमों को मरहम लगा गई सोनिया गांधी

जनपद में हिंसा के बाद समाजवादी पार्टी से एकदम किनारा करने वाले मुस्लिमों को कांग्रेस ने थामने का काम किया। प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुस्लिमों के जख्मों पर मरहम लगाया। मुस्लिम बाहुल्य राहत शिविरों में जाकर कांग्रेस के अग्रिम पंक्ति के नेताओं ने दूरी की कौड़ी फेंकी।

By Edited By: Published: Tue, 17 Sep 2013 10:53 AM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2013 10:54 AM (IST)
मुजफ्फरनगर: मुस्लिमों को मरहम लगा गई सोनिया गांधी

मुजफ्फरनगर, जासं। जनपद में हिंसा के बाद समाजवादी पार्टी से एकदम किनारा करने वाले मुस्लिमों को कांग्रेस ने थामने का काम किया। प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुस्लिमों के जख्मों पर मरहम लगाया। मुस्लिम बाहुल्य राहत शिविरों में जाकर कांग्रेस के अग्रिम पंक्ति के नेताओं ने दूरी की कौड़ी फेंकी। वहीं, जाट बाहुल्य इलाके में आकर गांव के बाहर खड़ी महिलाओं से बात कर जातीय संतुलन बनाने का काम किया।

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कांग्रेस का आधार वोट माने जाने वाले मुस्लिम मतदाता दशकों पहले समाजवादी पार्टी के साथ चले गये। कांग्रेस को इसकी कमी खल रही है। मुजफ्फरनगर में हिंसा के बाद समाजवादी पार्टी से मुस्लिम एक झटके में नाराज हो गए। मुजफ्फनगर से सटे जिलों में इसका असर देखने को मिल रहा है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुखिया और मुख्यमंत्री के आगमन व जनपद में भ्रमण के दौरान उन्हें मुस्लिमों को जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा। काले झंडे से लेकर मुर्दाबाद के नारे लगे।

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मुख्यमंत्री का कार्यक्रम तय होने से पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष ने मुजफ्फरनगर आने की घोषणा कर पासा फेंक दिया। प्रधानमंत्री के आगमन की तैयारी होने पर मुख्यमंत्री भी रविवार को पहुंचे। सीएम अखिलेश यादव का विरोध हुआ तो मुस्लिमों ने कांग्रेस की तरफ नजरें गढ़ा लीं। दशकों से पार्टी से दूर हुए थोक वोट बैंक को हथियाने के लिए पार्टी का थिंक टैंक खुद मुजफ्फरनगर के मैदान में उतर आया। उसका नेतृत्व भले ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किया, लेकिन संगठन की मुखिया सोनिया गांधी के हाथों में असली कमान थी। पीएम ने मुस्लिम बाहुल्य शरणार्थी कैंप बसी कलां में लोगों का दुख जानने के लिए राहुल गांधी को आगे कर दिया। वहीं सोनिया गांधी महिलाओं से रुबरू थीं। उनका दर्द वो खुद सुनकर हल कराने का आश्वासन दे रहीं थी। मुस्लिमों के दुख दर्द को खुद सोनिया ने सुना। अगले राहत शिविर तावली में भी यही आलम था। वहां भी मुस्लिमों को मरहम लगाया गया। कांग्रेस नेताओं ने हिंदू बाहुल्य राहत शिविरों का जायजा नहीं लिया था। राहत शिविर कार्यक्रम में शामिल कमिश्नर के खुद को शामिल नहीं होने पर सोनिया ने नाराजगी जताई। जाट बाहुल्य बुढ़ाना रोड़ पर महिलाओं को खड़ा देख सोनिया ने काफिला रुकवाया और उनसे भी हालचाल जानकर स्थिति को सामन्य करने का काम किया।

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