देवड़ा ने पार्षद के तौर पर की थी राजनीतिक जीवन की शुरुआत
वर्ष 1937 में मुंबई में जन्में मुरली देवड़ा मूलरूप से राजस्थान के निवासी थे। यूपीए एक और दो के शासनकाल में देवड़ा प्रमुख पदों पर रहें। देवड़ा को पहले पेट्रोलियम मंत्री बनाया गया था बाद में अगली सरकार में उन्हें कार्पोरेट मामले के मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
नई दिल्ली। वर्ष 1937 में मुंबई में जन्में मुरली देवड़ा मूलरूप से राजस्थान के निवासी थे। यूपीए एक और दो के शासनकाल में देवड़ा प्रमुख पदों पर रहें।
अपने दशकों लंबे राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण विभागों की कमान संभालने वाले देवड़ा ने पहली बार 1975 में मुंबई में नगर निकाय का चुनाव लड़ा था। अर्थशास्त्र में स्नातक डिग्रीधारी देवड़ा 1977 से 78 के बीच मुंबई के मेयर रहे और दक्षिण मुंबई से चार बार लोकसभा के लिए चुने गए। इसी सीट का प्रतिनिधित्व उनके बेटे मिलिंद ने किया जो कांग्रेस के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं।
देवड़ा इस समय राज्यसभा के सदस्य के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल पूरा कर रहे थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवड़ा ने संप्रग एक सरकार में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री का पदभार संभाला था। वे 22 सालों तक मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। 70 की उम्र को पार करने से कुछ ही समय पहले उन्हें 2006 में केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया गया था। उन्होंने म्यामांर, अल्जीरिया और मिस्र के साथ तेल डिप्लोमेसी को आगे बढ़ाया और सूडान, चाड़, इथियोपिया तथा कोमोरोस के मंत्रियों के साथ वार्ताएं कीं।
देवड़ा ने नवंबर 2007 में पहली भारत-अफ्रीका हाइड्रोकार्बन कांफ्रेंस और प्रदर्शनी की मेजबानी भी की थी। जुलाई 2011 में देवड़ा संचार और सूचना तकनीक राज्यमंत्री बनाए गए। सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध करवाने में सबसे बड़ी भूमिका मुरली देवड़ा की ही थी। देवड़ा की ही याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इस संदर्भ में फैसला सुनाया था।
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