मोतिहारी रेपकांड : सौंपी गई सीलबंद रिपोर्ट, न दुष्कर्म की पुष्टि, ना ही इन्कार!
मोतिहारी के रामगढ़वा रेपकेस की सीलबंद रिपोर्ट में पीडि़ता से दुष्कर्म की न पुष्टि की गई है न ही इससे इन्कार ही किया गया है।
मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। पूर्वी चंपारण के चर्चित दुष्कर्म मामले की रिपोर्ट गोलमोल होने की खबर है। इसमें पीडि़ता से दुष्कर्म की न पुष्टि की गई है न ही इससे इन्कार ही किया गया है। यह रिपोर्ट गुरुवार को सीलबंद लिफाफे में मोतिहारी से पहुंचे आरक्षी अधीक्षक के विशेष दूत को सौंप दी गई।
रिपोर्ट को गोपनीय कहते हुए टीम के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने कुछ भी बताने से इंकार किया। वैसे जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक शारीरिक संबंध बनाने की बात सामने आई है, लेकिन वह गर्भवती नहीं है। पीडि़ता के शरीर पर जख्म पाए जाने की बात भी रिपोर्ट में है। लेकिन इसे सूक्ष्म एवं पुराना बताया गया है। पीडि़ता की उम्र 17 से 19 वर्ष के बीच आंकी गई है।
यह घटना पिछले कई दिनों से सुर्खियों में है। मोतिहारी में दो बार मेडिकल जांच होने के बाद तीसरी बार जांच के लिए सोमवार को पीडि़ता को एसकेएमसीएच लाया गया था। यहां प्राचार्य डॉ. विकास कुमार द्वारा गठित पांच सदस्यीय टीम ने मेडिकल जांच की।
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इसमें पीडि़ता के शरीर के जख्म, अंदरुनी अंग जांच कर देखने के साथ जांच के लिए सीमेन को पैथोलॉजी विभाग में भेजा गया था। रेडियोलॉजी विभाग में तीन डिजिटल एक्सरे एवं अल्ट्रासाउंड भी किया गया था। इन सभी रिपोर्टों की गुरुवार को गहन समीक्षा की गई।
रिपोर्ट पर बहस तय
उम्मीद है कि रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद इसपर बहस भी होगी। गोलमोल निष्कर्ष को अदालत किस रूप में लेती है यह भी देखने की बात होगी। महिला आयोग की प्रतिक्रिया के साथ इस पूरे मामले में शुरू से आखिर तक की प्रक्रियागत खामियों पर भी लोगों की नजरें होंगी।
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