किराएदार दंपती को बंधक बना वकील ने किया था दुष्कर्म, मिली उम्रकैद
चार साल पहले एक वकील पर दुष्कर्म का आरोप लगा था जिसमें आरोपी वकील को कोर्ट ने इस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है।
मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। मकान किराया पर देने का कहकर वकील ने एक दंपती को उसके रिश्तेदारों के जरिए बुलवाया। दोनों को अपने घर में रोका। मौका पाकर पति को कमरे में बंद कर उसकी पत्नी से दुष्कर्म किया और साक्ष्य मिटाने का भी पूरा बंदोबस्त कर दिया।
लेकिन किसी तरह थाने पहुंचे पति की शिकायत पर महिला को मुक्त कराकर पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया था। पेशे से वकील आरोपी को इस मामले में उम्रकैद की सजा हुई है। उसे 20 हजार रुपये बतौर जुर्माना भी देना होगा जिसमें से आधी राशि महिला को मिलेगी। घटना चार साल पहले की है।
जानिए क्या था पूरा मामला
महिला के पति ने जो प्राथमिकी थाने में दर्ज कराई थी उसके मुताबिक वे मुजफ्फरपुर में किराए का मकान चाहते थे। पत्नी की ममेरी बहन ने फोन पर बताया कि अघोरिया बाजार प्रोफेसर कॉलोनी में अधिवक्ता निर्भय कुमार के मकान का एक हिस्सा खाली है।
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इसपर वे 4 मई 2012 को पत्नी के साथ गांव से वहां पहुंचे। तब अधिवक्ता के आवास पर पत्नी की ममेरी बहन के अलावा एक बुजुर्ग महिला भी थी। कमरा देखने के बाद सभी के आग्रह पर वे दोनों रात में वहीं रुक गए। अगले दिन ममेरी बहन व बुजुर्ग महिला चली गई, लेकिन उन दोनों को निर्भय कुमार ने रोक लिया।
पांच मई की रात में उसे कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया और उसकी पत्नी को अपने कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया। पति का आरोप था कि वकील ने साक्ष्य मिटाने के लिए अगले दिन पत्नी को स्नान कराकर उसके कपड़े धुलवा दिए। जब उसे बाहर निकाला तो मामले की जानकारी हुई। इस संबंध में पूछने पर उसके साथ मारपीट कर रुपये व पत्नी के गहने छीन लिए गए। वह किसी तरह भागकर थाने पहुंचा। पुलिस हस्तक्षेप से उसकी पत्नी मुक्त हुई।
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बाद में वकील को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले के विचारण के दौरान आरोपी अधिवक्ता निर्भय कुमार ने अपना बचाव खुद किया। लेकिन वह खुद को निर्दोष साबित नहीं कर पाया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय प्रभाकर मिश्र ने तीन दिन पहले उसे दोषी करार दिया था। गुरुवार को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई।