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बेटी को घर ले जा उसका अंतिम संस्कार करना चाहता हूंः पीड़िता के पिता

मोगा बस छेड़छाड़ व हत्याकांड में आज उस समय नया मोड़ आ गया जब लड़की के पिता ने कहा कि मैं अपनी बेटी को घर ले जाना चाहता हूं, आम इंसान की तरह उसका अंतिम संस्कार करना चाहता हूं, मुझे माफ कर दो। इससे पहले आज पीड़ित के परिजनों ने

By Sachin kEdited By: Published: Sun, 03 May 2015 01:52 AM (IST)Updated: Sun, 03 May 2015 05:22 PM (IST)

चंडीगढ़। मोगा बस छेड़छाड़ व हत्याकांड में आज उस समय नया मोड़ आ गया जब लड़की के पिता ने कहा कि मैं अपनी बेटी को घर ले जाना चाहता हूं, आम इंसान की तरह उसका अंतिम संस्कार करना चाहता हूं, मुझे माफ कर दो। इससे पहले आज पीड़ित के परिजनों ने सरकारी अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। परिजनों ने पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। हालांकि लड़की के पिता पोस्टमार्टम के लिए तैयार हो गए हैं। इस हमले को लेकर जनाक्रोश के मद्देनजर आर्बिट कंपनी के मालिक व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने ऑर्बिट एविएशन के प्रबंधन से तत्काल प्रभाव से राज्य में चलती अपनी सभी बस सेवाएं बंद करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन गतिरोध बरकरार है।

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सियासी रोष-प्रदर्शनों के बीच पीड़ित परिवार ने एलान किया कि अगर उनकी बेटी के शव का जबरन पोस्टमार्टम कर संस्कार करने की कोशिश की गई तो सरकार उनके शवों का भी संस्कार करने के लिए तैयार रहे। बादलों (मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल) के खिलाफ केस दर्ज होने तक वे आम आदमी पार्टी (आप) के सहयोग से संघर्ष जारी रखेंगे।

ऑर्बिट बसों का घेराव करेंगे। वे 10-20 लाख रुपये में मारी गई बेटी का सौदा नहीं करेंगे। आप नेताओं ने भी कहा कि इंसाफ मिलने तक रोष-प्रदर्शन जारी रहेगा। वहीं, कांग्रेस ने यूं तो आज रेल रोको प्रदर्शन किसानों के मुद्दे को लेकर किया था, लेकिन वहां भी मोगा का मुद्दा छाया रहा। कांग्रेस नेताओं ने बादल परिवार पर केस दर्ज करने की मांग की।

उधर, पीड़ित परिवार के सदस्यों अजमेर सिंह व अमरजीत कौर ने शनिवार सुबह मीडिया के समक्ष आकर मुआवजा लेने से साफ इन्कार करते हुए सरकार, जिला व पुलिस प्रशासन को सख्त चेतावनी दी कि जब तक बस मालिक के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जाता, तब तक न तो मृतक लड़की का पोस्टमार्टम कराया जाएगा, न संस्कार किया जाएगा।

वे बादलों के खिलाफ केस दर्ज कराना चाहते हैं, जिनकी बसों में गरीब व दलित परिवारों की महिलाओं व बेटियों की आबरू महफूज नहीं है। ऐसी बसों के सड़कों पर दौ़ड़ने पर पूर्ण पाबंदी लगे। यह कंपनी बंद हो। परमिट रद कर इसकी बसों को जब्त किया जाए। उधर, सिविल अस्पताल में उपचाराधीन लड़की की मां की सुरक्षा में आठ पुलिसकर्मी शुक्रवार देर सायं से तैनात कर दिए।

पीड़ित परिवार के सदस्यों के मुताबिक, पिछले तीन दिन बाद अब उनकी हालत खराब होना शुरू हो गई है।
पीड़ित परिवार के साथ संवेदना प्रकट करने के लिए राष्ट्रीय अनसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया व उपाध्यक्ष डॉ. राजकुमार वेरका आज सायं सिविल अस्पताल पहुंचे।

इनके समक्ष परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि सरकार से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं कि अगर समझौता नहीं किया गया तो लाठियां मारकर भगाया जाएगा। जो कुछ मुआवजा दिया जा रहा है, उसे लेकर चलते बनें, अन्यथा किसी न किसी केस में फंसाकर जेल भेज दिया जाएगा। अगर इस मसले का हल नहीं निकला तो रविवार को शव के साथ मुख्य चौक में धरना दिया जाएगा।

स्टाफ को प्रशिक्षण के बाद चलाई जाएंगी आर्बिट बसें : सुखबीर
सुखबीर के आदेश के बाद आर्बिट ने अपनी सेवाएं बंद करने की सूचना दी। सुखबीर ने कहा कि कंपनी की बसें चलाने वाले समूचे स्टाफ के लिए ओरिएंटेशन कोर्स चलाया जाएगा और कोर्स पूरा होने तक कोई बस नहीं चलाई जाएगी।

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