मोदी-नीतीश मुलाकात को भाजपा ने बताया शिष्टाचार भेंट
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात को आगामी विधानसभा चुनाव में जदयू व भाजपा के बीच गठबंधन की अटकलों को भाजपा ने पूरी तरह से खारिज किया है। पार्टी ने कहा कि यह केवल शिष्टाचार मुलाकात थी, इसका कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात को आगामी विधानसभा चुनाव में जदयू व भाजपा के बीच गठबंधन की अटकलों को भाजपा ने पूरी तरह से खारिज किया है। पार्टी ने कहा कि यह केवल शिष्टाचार मुलाकात थी, इसका कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।
पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 2010 के बाद से बिहार की राजनीति कीचड़ में धंस गई है और नीतीश कुमार उसमें अंदर तक फंस चुके हैं। इसलिए किसी भी सूरत में जदयू और नीतीश कुमार से हाथ मिलाने प्रश्न ही नहीं उठता है।
उन्होंने जून 2010 की घटना का जिक्र किया जब विधानसभा चुनाव से पहले मोदी और नीतीश की तस्वीर अखबार में छपी और उन्होंने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति में बैठक में भाग लेने आए भाजपा नेताओं को दिया जाने वाली रात्रिभोज ऐन वक्त पर रद कर दिया था।
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार उस समय यह भूल गए थे कि नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हैं और वे अपने समकक्ष राज्य के मुख्यमंत्री से शिष्टाचार की उम्मीद रखते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश ने जून 2013 में मोदी के ही नाम पर भाजपा से 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया था, जब उन्हें चुनाव प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था।
मोदी ने कहा कि नीतीश कभी भी सामान्य शिष्टाचार का ख्याल नहीं रखते हैं। राजनीति में छुआछूत नहीं चल सकता है। वे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को हमेशा बिहार में जंगलराज के लिए कोसते रहे लेकिन सरकार बचाने की जरूरत पड़ी तो उनसे जा मिले। जिस कांग्रेस पार्टी के विरोध से उन्होंने राजनीति शुरू की, आज उसी के समर्थन से सरकार चला रहे हैं।