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नेहरू जन्मशती समिति से गांधी परिवार बाहर

सरकार ने राजनीतिक दांव चलते हुए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती की आयोजन समिति में नेहरू-गांधी परिवार के किसी सदस्य को स्थान नहीं दिया है। इससे पहले संप्रग सरकार द्वारा गठित समिति में सोनिया गांधी को सदस्य बनाया गया था, लेकिन उन्हें अब बाहर कर दिया गया है।

By Sachin kEdited By: Published: Sun, 19 Oct 2014 12:14 AM (IST)Updated: Sun, 19 Oct 2014 12:54 AM (IST)
नेहरू जन्मशती समिति से गांधी परिवार बाहर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने राजनीतिक दांव चलते हुए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती की आयोजन समिति में नेहरू-गांधी परिवार के किसी सदस्य को स्थान नहीं दिया है। इससे पहले संप्रग सरकार द्वारा गठित समिति में सोनिया गांधी को सदस्य बनाया गया था, लेकिन उन्हें अब बाहर कर दिया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी नई समिति में नहीं रखा गया है। हालांकि गांधी परिवार के करीबी समझे जाने वाले लोगों में कांग्रेस सांसद डॉ. कर्ण सिंह और सुमन दुबे को जगह दी गई है। आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।

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दिवाली के ठीक बाद समिति की पहली बैठक होगी। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में दी गई है। देश के पहले प्रधानमंत्री की सवा सौवीं जयंती इसी साल 14 नवंबर को है।

मोदी सरकार द्वारा पुनर्गठित समिति में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी स्थान दिया गया है। समिति के सदस्यों में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी, सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, संस्कृति मंत्री श्रीपाद येशो नाइक प्रमुख हैं। अन्य सदस्यों में मध्य प्रदेश के राज्यपाल राम नरेश यादव, सिक्किम के पूर्व राज्यपाल बीपी सिंह, पूर्व विदेश सचिव एमके रसगोत्रा और लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप शामिल हैं। पूर्व कैबिनेट सचिव नरेश चंद्रा, वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा, स्वप्न दासगुप्ता और एमजे अकबर भी समिति के सदस्य बनाए गए हैं।

समिति का गठन संप्रग सरकार के दौरान मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में किया गया था। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तब के प्रतिरक्षा मंत्री एके एंटनी, पी. चिदंबरम, कपिल सिब्बल समेत कई शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को स्थान दिया गया था।

इसलिए मोदी ने संभाली कमान:नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से कांग्रेस उनपर लगातार नेहरू की विरासत की अनदेखी का आरोप लगा रही थी। माना जा रहा है कि अब जन्मशती आयोजन की कमान खुद संभालकर मोदी कांग्रेस के आरोपों का जवाब देना चाहते हैं।

कांग्रेस ने बनाई अपनी समिति:नेहरू की 125वीं जयंती के आयोजन के लिए कांग्रेस ने भी एक समिति गठित की है। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। मुकुल वासनिक इसके संयोजक व आनंद शर्मा, मोहन गोपाल व जयराम रमेश सदस्य बनाए गए हैं।

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