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    पाक के खिलाफ कार्रवाई से पहले सैन्य तैयारियां परख रहे मोदी

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Thu, 22 Sep 2016 10:19 PM (IST)

    पाक के उत्तरी सीमा क्षेत्र में चल रही सैन्य हरकतों की भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियां पल-पल की खबर ले रही हैं।

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    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । उड़ी आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान को इस बार कड़ा सबक सिखाने का संकेत दे रहे भारत की सीमा पार की गतिविधियों पर पैनी निगाहें हैं। पाक के उत्तरी सीमा क्षेत्र में चल रही सैन्य हरकतों की भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियां पल-पल की खबर ले रही हैं। मोदी सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक शिकंजा कसने के साथ रणनीतिक तैयारियों को भी लगातार परख रही है।

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    सेना के वार रूम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ सुरक्षा तैयारियों सहित जवाबी कार्रवाई के विकल्पों को लेकर गहरी मंत्रणा की। इसमें किसी भी तरह की संभावित कार्रवाई के मद्देनजर सैन्य तैयारियों को लेकर भी विचार-विमर्श हुआ। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने गुरुवार को एक बार फिर सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग के साथ बैठक की।

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    20 को वार रूम में हुई थी बैठक

    पीएम द्वारा सैन्य तैयारियों की समीक्षा करने की खबरों को भी सरकार ने नकारा नहीं है। सूत्रों के अनुसार, वार रुम में सैन्य प्रमुखों ने दो घंटे से ज्यादा समय तक पाकिस्तान से लगी सीमाओं की रणनीतिक स्थिति और अपनी-अपनी तैयारियों के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराया। 20 सितंबर को देर रात पीएम को तीनों सेनाओं की ओर से दी गई प्रस्तुतियों में बकायदा रेत और पुतले के साथ दुश्मन पर प्रहार करने के विकल्पों और तरीकों को दर्शाया गया। तीनों सेनाओं ने पाकिस्तानी सैन्य ताकत के साथ उन पर वार करने के ठिकानों के बारे में भी पीएम को व्यापक जानकारी दी।

    साउथ ब्लाक स्थित रक्षा मंत्रालय में सेना का यह वार रूम है। किसी भी युद्ध और बड़े अभियान के दौरान यह आपरेशन रुम के रूप में भी काम करता है। सेना प्रमुखों के साथ हुई इस बेहद अहम बैठक में अजीत डोभाल भी मौजूद रहे। हालांकि सरकार या सेना ने अभी तक वार रूम में हुई इस अहम बैठक की पुष्टि नहीं की है, लेकिन इसे नकारा भी नहीं गया है। सूत्रों ने केवल इतना कहा कि 20 सितंबर की रात साउथ ब्लॉक में किसी बेहद महत्वपूर्ण व्यक्ति के आने की सरगर्मी रही।

    डोभाल भी हैं सक्रिय

    सरकार की कूटनीतिक घेरेबंदी के साथ सुरक्षा तैयारियों को लेकर दिखाई जा रही तत्परता से साफ है कि भारत उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान पर सख्त जवाबी कार्रवाई को लेकर बेहद गंभीर है। प्रधानमंत्री की वार रुम बैठक के बाद तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ अजीत डोभाल की लगातार हो रही बैठकें भी इस ओर संकेत दे रही हैं। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने भी बुधवार को साफ कहा था कि जब प्रधानमंत्री ने दोषियों को नहीं बख्शने की बात कही है तो फिर कोई न कोई कार्रवाई जरूर होगी।

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    पर्रीकर ने जवाबी कार्रवाई को लेकर सरकार के गंभीर होने की बात भी कही थी। पाकिस्तान के रक्षामंत्री के गुरुवार को पाक एयरफोर्स के अभ्यास करने और दो घंटे में किसी भी चुनौती के लिए तैयार रहने के बयान से भी स्थिति के गंभीर होने का अंदाजा लगाया जा सकता है।

    सरकार और सेना अपनी कूटनीतिक-रणनीतिक कसरत तेज करने के साथ ही सीमा पार पाकिस्तान खासकर गुलाम कश्मीर में सैन्य गतिविधियों की भी नोटिस ले रही हैं। पाकिस्तान वायुसेना के मोटर वे पर अपने लड़ाकू विमानों को अभ्यास के लिए उतारने सरीखी खबरों पर सेना और खुफिया एजेंसियां लगातार निगाह रखते हुए विश्लेषण कर रही हैं।

    पाक में बढ़ी इस सैन्य हलचल पर आधिकारिक रूप से भारत ने अभी कोई टिप्पणी नहीं की है।लेकिन रक्षा मंत्रालय और सैन्य सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी और डीजीएमओ के सख्त बयानों के बाद पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान में हड़कंप मचा है। उन्हें डर है कि गुलाम कश्मीर के आतंकी कैंपों पर भारत सर्जिकल हमले कर सकता है। इसे रोकने की रणनीति के तहत ही पाक सेना अपनी सैन्य तैयारियों का खुला संदेश दे रही है ताकि भारत खुली जंग की आशंका को देख अपने कदम आगे न बढ़ाए।