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दाऊद के ठिकाने पर केंद्र का यू-टर्न, कहा-नहीं मालूम डॉन कहां

केंद्र सरकार ने अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के पाकिस्तान में होने के रुख से उलट मंगलवार को लोकसभा में लिखित बयान में कहा कि उसे नहीं मालूम डॉन कहां है। हालांकि अनभिज्ञता जाहिर करने की भारी भूल के बाद सरकार नुकसान की भरपाई में जुटी है। इस बारे में बुधवार

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Tue, 05 May 2015 02:00 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2015 09:33 PM (IST)
दाऊद के ठिकाने पर केंद्र का यू-टर्न, कहा-नहीं मालूम डॉन कहां

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के पाकिस्तान में होने के रुख से उलट मंगलवार को लोकसभा में लिखित बयान में कहा कि उसे नहीं मालूम डॉन कहां है। हालांकि अनभिज्ञता जाहिर करने की भारी भूल के बाद सरकार नुकसान की भरपाई में जुटी है। इस बारे में बुधवार को लोकसभा में सरकार की ओर से नया बयान दिया जा सकता है।

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पांच महीने पहले ही 22 दिसंबर 2014 को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में कहा था कि देश में दाऊद इब्राहिम सबसे अधिक वांछित आतंकी है। सरकार ने फिर से पाकिस्तान को उसे भारत के हवाले करने को कहा है। उसी दिन गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने दिल्ली में कहा था कि मुंबई के 1993 के धमाके में वांछित दाऊद के खिलाफ पाकिस्तान को पर्याप्त सबूत सौंपे जा चुके हैं और वह अब उसे भारत के हवाले कर दे।

लेकिन मंगलवार को गृह राज्यमंत्री हरीभाई परथीभाई चौधरी ने कहा कि सरकार को उसके ताजा ठिकाने की कोई जानकारी ही नहीं है। दाऊद इब्राहिम के प्रत्यर्पण के लिए तभी प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी जब उसके ठिकाने का पता हो। चौधरी ने भाजपा सांसद नित्यानंद राय के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।

हरीभाई का बयान सही नहीं:

गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार किया कि हरीभाई परथीभाई चौधरी का लोकसभा में दिया लिखित बयान सही नहीं है। उन्होंने कहा कि गृहमंत्रालय के पास दाऊद की गतिविधियों के बारे में ठोस सबूत खुफिया एजेंसियों के पास हैं और समय-समय पर पाकिस्तान को ये सबूत दिए जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंतिम बार 2012 में भारत की ओर से पाकिस्तान को सौंपे गए डोजियर में दाऊद के पाक स्थित तीन ठिकानों के विस्तृत पते और वहीं से जारी तीन अलग-अलग पासपोर्ट का ब्योरा शामिल था। इसलिए यह कहना सरासर गलत है कि भारत को दाऊद के मौजूदा ठिकाने के बारे में जानकारी नहीं है।

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर एमएन सिंह ने भी कहा कि गृह मंत्रालय का यह बयान शर्मसार करने वाला है। हमारी खुफिया एजेंसियां बहुत पहले साबित कर चुकी हैं कि दाऊद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की निगहबानी में है।

सामंजस्य की कमी उभरी:

वैसे इस घटना से गृह मंत्रालय के विभिन्न विभागों में आपसी सामंजस्य की कमी साफ उजागर हो गई है। दरअसल यह जवाब आंतरिक सुरक्षा के संयुक्त सचिव (द्वितीय) ने तैयार किया था। जबकि दाऊद की ताजा गतिविधियों पर नजर रखने का काम आंतरिक सुरक्षा के संयुक्त सचिव (प्रथम) के अधीन आता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यदि संयुक्त सचिव (द्वितीय) जवाब देने के पहले संयुक्त सचिव (प्रथम) से संपर्क कर लेते तो ऐसी गलती नहीं होती।

भरपाई की कोशिश:

गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी अब गलतबयानी से हुए नुकसान की भरपाई की कोशिश में जुट गए हैं। इस सिलसिले में एक उच्च स्तरीय बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में हरीभाई परथीभाई चौधरी के साथ-साथ गृह सचिव एलसी गोयल समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बुधवार को सरकार की ओर लोकसभा में दाऊद के पाकिस्तान में होने और उसके ठिकाने की जानकारी होने का बयान दिया जा सकता है।

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