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मनरेगा का बजट डेढ़ गुना बढ़ने की संभावना

मनरेगा के बंद होने की आशंकाओं के बीच इसके बजट में डेढ़ गुना की वृद्धि की संभावना है। जबकि प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी योजना पेयजल व स्वच्छता के बजट को तीन गुना तक बढ़ाए जाने की उम्मीद है। ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने बुधवार को अपने मंत्रालयों के

By manoj yadavEdited By: Published: Wed, 03 Dec 2014 08:11 PM (IST)Updated: Wed, 03 Dec 2014 08:35 PM (IST)
मनरेगा का बजट डेढ़ गुना बढ़ने की संभावना

नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। मनरेगा के बंद होने की आशंकाओं के बीच इसके बजट में डेढ़ गुना की वृद्धि की संभावना है। जबकि प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी योजना पेयजल व स्वच्छता के बजट को तीन गुना तक बढ़ाए जाने की उम्मीद है। ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने बुधवार को अपने मंत्रालयों के आला अफसरों के साथ हुई समीक्षा बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता वाली सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के बजट में कटौती के दूरगामी परिणाम होंगे।

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बैठक में सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं की दुर्गति पर ग्रामीण विकास, स्वच्छता, पेयजल, पंचायती राज और भूमि संसाधन मंत्री चौधरी ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इसमें समुचित सुधार के लिए जल्दी ही वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करेंगे। समीक्षा के दौरान बताया गया कि राज्यों को उनके पिछले सालों के बकाया चुकाने में ही चालू बजट का 80 फीसद राशि खत्म हो जाती है। इसके ऊपर से बजट में की गई कटौती से योजनाओं को मिली राशि नाकाफी साबित होती है।

बैठक में चौधरी ने कहा कि रोजगार सृजित करने वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्राम रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत चल रही योजना में धन की कोई कमी नहीं होने पायेगी। चालू वित्त वर्ष के दौरान आवंटित 31 हजार करोड़ रुपये के बजट में केवल 5000 करोड़ रुपये बचा है। जबकि अभी पांच महीने बाकी हैं। पिछले सालों में राज्यों के कराए कार्य के भुगतान में ही ज्यादातर राशि खत्म हो चुकी है। चौधरी ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष में इसके लिए 45 हजार करोड़ रुपये की मांग की जाएगी। यही हाल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का है। धन की कमी से उत्तर प्रदेश और बिहार में सड़कों का निर्माण अधर में है।

समीक्षा बैठक में चालू वित्त वर्ष में पेयजल व स्वच्छता मंत्रालय के बजट को घटाए जाने की जानकारी सामने आई। इस पर चौधरी ने कहा कि स्वच्छता व पेयजल सरकार की उच्च प्राथमिकता में है। इसलिए आगामी वित्त वर्ष में इसके लिए कम से कम 30 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि प्रदूषित जल वाले क्षेत्रों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने को युद्ध स्तर पर लिया जाए।

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