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चौधरी विरेंद्र सिंह ने यूपीए की मनरेगा योजना को सराहा

हरियाणा के कदावर जाट नेता व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बिरेंद्र सिंह ने यूपीए की शासनकाल में लाए गए मनरेगा योजना की तारीफ की है। उन्‍होंने कहा कि इस योजना के पहले मजदूरों ने कभी 500 रुपये का नोट नहीं देखा था। आज चौधरी ने ग्रामीण विकास व पंचायती

By Abhishake PandeyEdited By: Published: Tue, 11 Nov 2014 01:47 PM (IST)Updated: Tue, 11 Nov 2014 02:47 PM (IST)

नई दिल्ली। हरियाणा के कदावर जाट नेता व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बिरेंद्र सिंह ने यूपीए की शासनकाल में लाए गए मनरेगा योजना की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि इस योजना के पहले मजदूरों ने कभी 500 रुपये का नोट नहीं देखा था। आज चौधरी ने ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री के रूप में पदभार संभालले हुए यह बात पत्रकारों से साझा की।

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केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने मंगलवार को कहा कि देश की 70 फीसदी आबादी गांव में रहती है और मनरेगा योजना से मजदूरों को लाभ मिला है। उन्होंने योजना में मौजूद कई खामियों की भी चर्चा की और कहा कि वह इन खामियों को दूर करने के पक्ष में हैं, लेकिन इन सब के बीच कांग्रेस के पक्ष में बोल बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह योजना मजदूरों के लिए लाभदायक साबित हुई है और इससे पहले मजदूरों ने कभी 500 रुपये का नोट नहीं देखा था।

गौरतलब है कि मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किए गए चौधरी बीरेंद्र सिंह को हरियाणा में जाटों का एक बड़ा नेता माना जाता है और वर्ष 1977 में कांग्रेस विरोधी जबर्दस्त लहर के बावजूद उचाना विधानसभा क्षेत्र से शानदार जीत हासिल करके रातों-रात एक बड़े राजनेता बन गए। हाल ही में संपन्न हरियाणा के विधानसभा चुनाव हुड्डा के नेतृत्व में लडऩे के पार्टी हाईकमान के फैसले से नाराज सिंह ने गत 16 अगस्त 2014 को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की जींद रैली के दौरान कांग्रेस में लगभग 42 वर्ष की अपनी राजनीतिक पारी का अंत करके भाजपा में शामिल होने का घोषणा कर दी थी। गत 28 अगस्त को वह राज्यसभा से इस्तीफा देकर इसके अगले दिन वह भाजपा में शामिल हो गए।

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