किशोर आरोपी को नहीं लगेगी हथकड़ी और न ही भेजा जाएगा जेल
नियमों के मसौदे के मुताबिक, जुवेनाइल अपराधियों को उचित चिकित्सकीय और कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी और उनके माता-पिता व अभिभावक को सूचित किया जाएगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। आरोप का सामना कर रहे 16 से 18 वर्ष की उम्र के किसी बच्चे को हथकड़ी नहीं लगाई जाएगी। इतना ही नहीं उसे जेल या लॉक-अप में भी नहीं भेजा जाएगा। यह जानकारी जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 के नियमों के मसौदे में दी गई है। यह मसौदा बुधवार को जारी किया गया है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने नियमों को जारी किया। मसौदे में पुलिस, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड और चिल्ड्रेन कोर्ट के लिए बाल हितैषी प्रक्रिया अपनाने की व्यवस्था तय की गई है। नियमों के मसौदे के मुताबिक, जुवेनाइल अपराधियों को उचित चिकित्सकीय और कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी और उनके माता-पिता व अभिभावक को सूचित किया जाएगा। मसौदा जारी करने के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'बोर्ड और बाल अदालत बच्चों के बेहतर हित के सिद्धांत से और उनके समाज में पुनर्वास और जुड़ने के लक्ष्य से बंधे हैं।'
इन नियमों को एक बहु-अनुशासनिक समिति ने तैयार किया है। इस समिति में एक वरिष्ठ न्यायाधीश और वकील के अलावा जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति के सदस्य, राज्यों के प्रतिनिधि व अन्य शामिल थे।
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