खरीफ तैयारियों में जुटा कृषि मंत्रालय
कृषि, सहकारिता और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के आला अफसरों के बीच बैठक हुई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अच्छे मानसून से रबी फसलों की बंपर पैदावार के अनुमान के बाद उत्साहित केंद्र सरकार ने आगामी खरीफ फसलों की तैयारियां शुरु कर दी है। कृषि मंत्रालय के आला अफसरों और कृषि वैज्ञानिकों के बीच तैयारी बैठक में उन्नत प्रजाति के बीजों को किसानों के खेत तक पहुंचाने की रणनीति पर विचार किया गया। खेती की आधुनिक प्रौद्योगिकी को किसानों को मुहैया कराने पर भी चर्चा हुई।
कृषि, सहकारिता और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के आला अफसरों के बीच बैठक हुई। इसमें कृषि से जुड़े अन्य सभी विभागों के लोगों को भी शामिल किया गया। खरीफ सीजन के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने की रणनीति को लेकर विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक को 25 और 26 मार्च को होने वाली खरीफ सीजन अभियान सम्मेलन से जोड़कर देखा जा रहा है। उस बैठक में सभी राज्यों के कृषि मंत्री और कृषि सचिव हिस्सा लेते हैं।
कृषि उत्पादन को बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर सभी विभागों को राज्य सरकारों की जरूरतों के हिसाब से समन्वय बनाने की अपील की गई। गन्ने की खेती को कृषि प्रौद्योगिकी को जोड़ने पर जोर दिया जाएगा। गन्ना उत्पादक राज्यों में इस प्रौद्योगिकी को तेजी से प्रचलित किया जायेगा। ड्रिप और स्पि्रंकल सिंचाई को प्रोत्साहित किया जाएगा। सूखा प्रभावित महाराष्ट्र में गन्ने की खेती में इसका प्रयोग किया जायेगा।
आईसीएआर की ओर से बीज प्रौद्योगिकी को खेतों तक पहुंचाने की बात कही गई। उसका जोर ट्रांसजेनिक मूंगफली, सूरजमुखी और अरंडी की प्रजातियों को विकसित करने पर है। सबसे ज्यादा जोर ज्यादा पैदावार देने वाली प्रजातियों का विकास कर खेतों तक पहुंचाने की बात कही गई। दलहन व तिलहन की फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए जरूरी जिप्सम के उपयोग पर बल दिया गया।
यह भी पढ़ें: डीबीटी की सफलता से उत्साहित सरकार व्यय सुधारों पर देगी जोर