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ग्राहकों के फीडबैक से टेलीकॉम कंपनियों पर लगेगा नकेल : मनोज सिन्हा

अब कोई भी मोबाइल ग्राहक 1955 नंबर पर फोन कर कॉल ड्रॉप के बारे में अपना अनुभव मंत्रालय के साथ साझा कर सकेगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 13 Jan 2017 02:58 AM (IST)Updated: Fri, 13 Jan 2017 03:07 AM (IST)

नई दिल्ली,[संजय सिंह]। आज से कॉल ड्रॉप पर लगाम लगाना आपके हाथ में होगा। दूरसंचार मंत्रालय ने बृहस्पतिवार से आइवीआरएस (इंटरेक्टिव वॉइस रिस्पांस सिस्टम) आधारित हेल्पलाइन को पंजाब और मणिपुर को छोड़ पूरे देश में लागू कर दिया है। अब कोई भी मोबाइल ग्राहक 1955 नंबर पर फोन कर कॉल ड्रॉप के बारे में अपना अनुभव मंत्रालय के साथ साझा कर सकेगा। ग्राहकों के फीडबैक के आधार पर मंत्रालय टेलीकॉम कंपनियों पर लगाम कसेगा।

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केंद्रीय संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत में कहा कि वैसे तो दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, गोवा में यह हेल्पलाइन 23 दिसंबर को ही चालू हो गई थी। लेकिन बाकी राज्यों में इसे बृहस्पतिवार से चालू किया गया है। इस तरह यह प्रणाली पूरे लगभग देश में लागू हो गई है। केवल पंजाब और मणिपुर में चुनाव आचार संहिता के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका है। बाद में वहां भी यह लागू हो जाएगी।

सिन्हा के मुताबिक हेल्पलाइन शुरू करने का विचार रेलवे में आइवीआरएस की कामयाबी से आया। रेलवे में 139 (ट्रेन इंक्वायरी), 182 (सुरक्षा) और 138 (सफाई, खानपान, हाउसकीपिंग, मेडिकल इमरजेंसी आदि) जैसी अनेक हेल्पलाइने यात्रियों की विविध शिकायतों के समाधान करने में अत्यंत कारगर साबित हुई है। इसलिए कॉल ड्रॉप पर भी इसे नुस्खे को आजमाने का फैसला किया गया। और उम्मीद के मुताबिक इसके उत्साहव‌र्द्धक नतीजे मिले हैं। दो हफ्तों में ही आइवीआरएस के तहत लगभग डेढ़ लाख मोबाइल उपयोगकर्ताओं को फोन किया गया। जिसमें करीब 25 हजार ग्राहकों ने अपने अनुभव साझा किए। इनमें भी लगभग 15 हजार ग्राहकों ने घरों और दफ्तरों के भीतर प्राय: कॉल ड्रॉप की शिकायत की है। यह फीडबैक टेलीकॉम ऑपरेटरों को भेजा जाएगा।

संचार मंत्री के अनुसार पिछले कुछ महीनों में सरकार के निर्देश पर टेलीकॉम आपरेटरों ने बड़ी संख्या में अतिरिक्त बेस स्टेशन (बीटीएस या मोबाइल टावर) स्थापित किए गए। इससे कॉल ड्रॉप की दिक्कत काफी कम हुई है। सौ दिनों में 60 हजार बीटीएस लगाने के वादे के विरुद्ध टेलीकॉम कंपनियों ने जून से अक्टूबर के दौरान देश भर में 75 हजार से ज्यादा अतिरिक्त बीटीएस स्थापित किए। जबकि नवंबर-दिसंबर के दौरान 40 हजार नए बीटीएस और लगाए गए हैं। इसके बावजूद समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। इसका कारण यह है कि टावर लगने के बाद किसी सर्किल विशेष में औसतन दो फीसद से कम कॉल ड्रॉप का मानक तो पूरा हो गया है। परंतु सर्किल के भीतर चुनिंदा क्षेत्रों में अत्यधिक कॉल ड्रॉप की समस्या पर काबू नहीं पाया जा सका है। आइवीआरएस से इस मुश्किल का भी समाधान होने की संभावना है।

कितने लग रहे मोबाइल टावर

कंपनी - नवंबर-दिसंबर में स्थापित - मार्च तक कितने और

एयरटेल - 17,800 - 30,000

वोडाफोन - 5,800 - 19,000

आइडिया - 6,500 - 25000

आरजियो - 7,500 - 40,000

कैसे फीडबैक देंगे ग्राहक

आइवीआरएस के तहत ग्राहकों से तीन तरह के सवाल पूछे जाते हैं।

सवाल 1 - क्या मोबाइल पर बात करते वक्त आपको अक्सर कॉल ड्रॉप का सामना करना पड़ता है? यदि हां तो 1 दबाएं, यदि नहीं तो 2 दबाएं।

सवाल 2 - क्या कॉल ड्रॉप की समस्या घर के भीतर ज्यादा गंभीर है। यदि हां तो 1 दबाएं। यदि शहर की सीमा में गंभीर है तो 2 दबाएं। यदि कॉल ड्रॉप का सामना हर जगह करना पड़ता है तो कृपया 3 दबाएं।

सवाल 3 - ग्राहकों को कॉल ड्रॉप वाले शहर, कस्बे या गांव का नाम 1955 पर एसएमएस करने को कहा जाएगा।

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