केरल में कुत्तों को मारने के फैसले से मेनका खफा
बकौल मेनका, 'यह किसी भी कुत्ते को मारने का एक बहाना है। आप कहते हो मारो, मारो, मारो। आप मारते रहो, वे काटते रहेंगे।
नई दिल्ली, पीटीआई : खतरनाक अवारा कुत्तों को मारने का केरल सरकार का फैसला केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को रास नहीं आ रहा है। उन्होंने राज्य सरकार के इस फैसले को गैरकानूनी करार दिया है। राजधानी तिरुअनंतपुरम के निकट कांजिराकुलम में अवारा कुत्तों के हमले में 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला सिलुवम्मा की मौत के बाद केरल सरकार ने उपरोक्त निर्णय लिया था। इस हृदयविदारक घटना के बाद महिला के परिजनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी से भी जवाब मांगा था।
केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ने उनके सवालों का तो जवाब नहीं दिया, लेकिन केरल सरकार के फैसले पर सवाल उठा दिया। कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय विज्ञान सम्मत नहीं है। इसका दुरुपयोग हो सकता है।
बकौल मेनका, 'यह किसी भी कुत्ते को मारने का एक बहाना है। आप कहते हो मारो, मारो, मारो। आप मारते रहो, वे काटते रहेंगे।' उन्होंने सवालिया अंदाज में पूछा, 'कुत्तों के बधियाकरण के लिए केंद्र द्वारा केरल सरकार को दिया गया पैसा कहां गया? बधियाकरण के बाद कोई भी कुत्ता काटता नहीं है। उनका टीकाकरण भी करिए। समस्या बस समाप्त हो जाएगी। कुत्तों को मारना समस्या का इलाज नहीं है।'
बाल यौन उत्पीड़न की शिकायतें दर्ज कराने के लिए शुक्रवार को ऑनलाइन पोक्सो ई-बॉक्स प्रणाली लांच करते हुए मेनका ने उपरोक्त बातें कहीं। इस मौके पर उन्होंने कहा, 'अभी तो हम मातृत्व अवकाश बिल लेकर लाए हैं। भविष्य में पितृत्व अवकाश देने को लेकर भी कदम उठा सकते हैं। इस बारे में और उम्दा बिल ला सकते हैं।'
मेनका ने ओडिशा के एक आदिवासी द्वारा अपनी मृतक पत्नी के शव को कंधे पर लाद कर दस किलोमीटर पैदल लाने की घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि देश के हर जिले में एंबुलेंस सेवा अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।
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