आपको रोमांचित कर देगी गुरू और शिष्य की ये जोड़ी
क्या आपने कभी एक गुरू और शिष्य की जोड़ी को एक ही परीक्षा में बैठे देखा है? खैर, एशियन गेम्स में आप ये जरूर देख सकेंगे। बस फर्क इतना होगा कि ये कोई पाठशाला नहीं बल्कि जोर आजमाइश का आखाड़ा होगा। हम बात कर रहे हैं एशियन गेम्स की मुक्केबाजी चैंपियनशिप की, जहां पर भारत के दो शेर, गुरू अखिल कुमार और उनके
नई दिल्ली। क्या आपने कभी एक गुरू और शिष्य की जोड़ी को एक ही परीक्षा में बैठे देखा है? खैर, एशियन गेम्स में आप ये जरूर देख सकेंगे। बस फर्क इतना होगा कि ये कोई पाठशाला नहीं बल्कि जोर आजमाइश का आखाड़ा होगा। हम बात कर रहे हैं एशियन गेम्स की मुक्केबाजी चैंपियनशिप की, जहां पर भारत के दो शेर, गुरू अखिल कुमार और उनके शिष्य मंदीप जांगरा दोनों ही अलग-अलग कैटेगरी में मेडल जीतने उतरेंगे।
एक समय था जब अखिल अपनी फिटनेस की वजह से प्रतियोगिता स्तर से लगभग बाहर ही हो चुके थे, उस दौरान उन्होंने मुक्केबाज मंदीप को सिखाने का काम शुरू किया और ऐसा करते-करते वो खुद के अंदर भी सुधार करते चले गए। नतीजतन आज दोनों ही एशियन गेम्स जैसे प्रतिष्ठित स्तर पर मेडल जीतने उतरने वाले हैं। आइए जानते हैं कि क्या कहना है इस गुरू शिष्य की जोड़ी का..
- बॉक्सिंग का सलमान खान:
69 किलो वर्ग में उतरने वाले मंदीप ने हंसते हुए कहा, 'मुझे हमेशा से ही पता था कि ऐसा होने वाला है। मुझे पता है कि अखिल भाई कितने जुझारू हैं। मुझे पता था कि एक दिन मैं उसी टीम का हिस्सा बनूंगा जिसका हिस्सा भारतीय बॉक्सिंग के सलमान खान हैं। सलमान मेरे पसंदीदा अभिनेता हैं और सलमान की ही तरह अखिल भी एक शोमैन हैं और शानदार स्वभाव वाले इंसान हैं। वो उन सबकी मदद करते हैं जो उनके पास जाते हैं, इसीलिए मैं उनको भारतीय मुक्केबाजी का सलमान खान कहता हूं।'
- शानदार गुरू का जानदार हौसला:
आपको बता दें कि गुरू अखिल की पत्नी पूनम बेनीवाल भी मंदीप के शुरुआती दिनों में उनको ट्रेनिंग देती थीं। उसके बाद मंदीप ने कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल भी जीते। वहीं, अगर अखिल की मानें तो उन्होंने इसके बारे में कभी नहीं सोचा था। अखिल ने कहा, 'मंदीप मुझे ये कई बार कहता था लेकिन मैं बस इतना कहता था कि देखते हैं, भगवान ने चाहा तो जरूर होगा। मैंने कभी इस प्लान के साथ काम नहीं किया। मैंने बस उसको सिखाने की कोशिश की और साथ ही प्रयास किया कि मैं भी अपनी फिटनेस दोबारा हासिल कर सकूं। ये शानदार है कि जो उसने महसूस किया था, वो अब हकीकत बन गया है। मेरी उम्मीद खुद से ज्यादा उससे है। वो युवा है और ज्यादा फिट है। एशियन गेम्स में भी उसे मेरा ख्याल रखना होगा। जाहिर है कि मैं उसके प्रोत्साहन और उसको सलाह देने के लिए वहां मौजूद रहूंगा ही।'