भारत में इबोला का पहला मामला सामने आया
पश्चिमी अफ्रीकी देशों में खतरनाक रूप ले चुके इबोला वायरस ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। देश में इसका पहला मामला सामने आया है। लाइबेरिया से लौटे भारतीय नागरिक का टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है।
नई दिल्ली। पश्चिमी अफ्रीकी देशों में खतरनाक रूप ले चुके इबोला वायरस ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। देश में इसका पहला मामला सामने आया है। लाइबेरिया से लौटे भारतीय नागरिक का टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। फिलहाल दिल्ली हवाई अड्डे पर विशेष स्वास्थ्य सुविधा के तहत उसकी निगरानी की जा रही है। जयपुर में भी 35 साल के एक व्यक्ति में इबोला वायरस के लक्षण पाए जाने की खबर है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 10 नवंबर को लाइबेरिया से दिल्ली पहुंचे 26 वर्षीय भारतीय नागरिक के वीर्य का सैंपल पॉजिटिव पाया गया है। उसे गहन चिकित्सा निगरानी में रखा गया है। लाइबेरिया में वह पहले भी इबोला की चपेट में आ चुका था, लेकिन इलाज के बाद पूरी तरह स्वस्थ था। उसके बाद हुई जांच में उसमें इबोला के लक्षण नहीं पाए गए थे, लेकिन दिल्ली हवाई अड्डे पर उसके वीर्य का टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। हालांकि, मंत्रालय कह रहा है कि स्थिति नियंत्रण में है। किसी तरह के खतरे की बात नहीं है, लेकिन हर तरह की सावधानी बरती जा रही है। मंत्रालय का कहना है कि इबोला से उबरने के बाद भी कुछ समय तक इसके खतरे की आशंका बनी रहती है। इस दौरान 90 दिनों तक सेक्स से भी बचने की सलाह दी जाती है। मंत्रालय के अनुसार, जब तक उसके सारे टेस्ट निगेटिव नहीं आते हैं, तब तक उसे हवाई अड्डे के विशेष स्वास्थ्य कैंप में ही रखा जाएगा।
जयपुर में इबोला के संदिग्ध की पहचान मोहम्मद रेहान खान के रूप में हुई है। बुखार होने के साथ ही उसके शरीर में छाले निकल आए हैं। एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे रेहान को उसके घरवालों से अलग रखा गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार इबोला से दुनियाभर में अब तक 8399 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें लगभग पांच हजार लोगों की मौत हो चुकी है।
दक्षिण-पूर्व एशियाई देश सफाई पर ध्यान दें
नई दिल्ली। अपर्याप्त सफाई का स्वास्थ्य और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर प्रतिकूल असर पड़ा रहा है। डब्ल्यूएचओ ने अफ्रीकी देशों में इबोला वायरस से हो रही मौतों से सबक लेने को कहा है। विश्व टॉयलेट दिवस की पूर्व संध्या पर डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम सिंह ने पश्चिमी अफ्रीकी देशों में फैले इबोला की समस्या पर ध्यान दिलाते हुए सफाई पर ध्यान देने का आग्रह किया है। डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 में दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र में लगभग सवा लाख लोगों की मौत दस्त से हुई थी, और इसकी वजह अपर्याप्त सफाई थी।